रामगढ़ (RAMGARH): अपने अधिकार के लिए अहिंसा को छोड़कर हिंसा अपनाने में भी कोई हिचक नहीं है. वर्तमान सरकार को 1932 खतियान आधारित व नियोजन नीति को लागू करना होगा. उक्त बातें टाइगर जयराम महतो ने बुधवार को मुरपा स्थित तरवाटांड मैदान में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के तत्वावधान में आयोजित ख़ातियानी महाजुटान सम्मेलन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि के रुप में कही. उन्होंने मौजूद लोगों से झारखंडी संस्कृति, भाषा व रहन-सहन को बचाकर रखने की बात कही. कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने के क्रम में शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी. इसके लिए मैं अंतिम सांस तक लड़ने को तैयार हूं. यहां की जमीन, जंगल सब हमारा है, लेकिन वास्तविक हकदार अभी भी अपने हक से बेदखल हैं. उनकी जगह बाहर से आए लोग मजा मार रहे हैं. जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने महिलाओं को शराब से परिवार को बचाने के लिए की बात कही. साथ ही, शिक्षा के प्रचार प्रसार में सहभागी बनने का आग्रह किया. इससे पूर्व, टाइगर जयराम महतो द्वारा मुरपा गांवादिति में पाहन द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना कराई गई. वही, समिति की सदस्यों की अगुवाई मे छऊ नृत्य कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुति के बीच मुरपा कि ग्रामीण किशोरियों द्वारा पारंपरिक ढंग से स्वागत करते हुए मंच तक लाया गया. जहां समिति सदस्यों एवं स्थानीय महिलाओं द्वारा फूलमाला तथा बुके से जोरदार स्वागत किया. वही, कार्यक्रम के दौरान गायक मजबूल खान, रजनी कुमारी, गुड्डु समेत अन्य कलाकारों ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति से लोगो की वाहवाही बटोरी मौके पर कुजू दक्षिणी मुखिया राकेश मेहता उर्फ रॉक, शिवशंकर महतो, अमरलाल महतो, प्रेम पटेल, विकाशचंद्र पटेल, दाहो महतो, मो गुलज़ार, अमित ठाकुर, कुलदीप कुमार, सन्तोष महतो, मुन्ना अगरिया, अनुज कुमार, टेकलाल महतो, अमन कुमार, अक्षय कुमार, संदीप कुमार महतो, नागेश्वर महतो, डेगन मेहता, दिलीप, आकाश, अशोक, विक्रम समेत हजारों की संख्या ग्रामीण महिला व पुरुष शामिल रहे
रिपोर्ट: जयंत कुमार