देवघर (DEOGHAR) : भारत के प्रख्यात पर्यावरणविद और जलसंरक्षण पर कार्य कर रहे जलपुरुष के नाम से मशहूर राजेन्द्र सिंह 26 जून को देवघर आएंगे. यह जानकारी संप चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं भारत विकास परिषद, देवघर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने दी है. उन्होंने बताया कि इस दौरान देवघर में 26 जून को विशाल पानी पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसमें जिले के सभी पंचायत जनप्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य, बीस सूत्री सदस्य, राजनैतिक दल प्रतिनिधि, स्वयंसेवी और सामाजिक संगठन के साथ ही शासन-प्रशासन के लोगों के साथ जलपुरुष सीधे संवाद कर यहां की पानी की समस्या और देवघर को पानीदार बनाने की योजनाओं और समाधान पर प्रकाश डालेंगे. यह कार्यक्रम शिल्पग्राम स्थित ऑडिटोरियम में दिन के 11 बजे से आयोजित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त इनके द्वारा जलयात्रा का भी कार्यक्रम रखा जा सकता है. जिसमें देवघर के विभिन्न डैम, जलाशयों आदि का भ्रमण जलपुरुष को कराया जाएगा. चैम्बर के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने बताया कि उनके एकदिवसीय देवघर खोज यात्रा का कार्यक्रम सभी पक्षों के लोगों से वार्ता कर तैयार किया जाएगा. उनकी यात्रा को देवघर के सभी वर्ग के लोग मिलकर सामूहिक कार्यक्रम का स्वरूप देंगे.
इन सम्मानों से सम्मानित है राजेंद्र सिंह
जल संरक्षण के लिए राजेंद्र सिंह को वर्ष 2001 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, 2005 में जमनालाल बजाज पुरस्कार मिला. 2008 में द गार्जियन ने उन्हें ऐसे 50 लोगों की सूची में शामिल किया, जो पृथ्वी को बचा सकते हैं. 2015 में जल के नोबेल स्टॉकहोम वॉटर प्राइज, 2018 में हाउस आफ कामन्स, यूनाइटेड किंगडम में अहिसा सम्मान, वर्ष 2019 में अमेरिका सियटल से अर्थ रिपेयर और नई दिल्ली में पृथ्वी भूषण सम्मान से सम्मानित हुए हैं.
46 साल से जल संरक्षण पर कर रहे हैं कार्य
जलपुरुष राजेन्द्र सिंह अपने जीवन के 46 साल जल संरक्षण के काम में लगा चुके हैं और उनकी यह यात्रा आज भी जारी है. वे 60 देशों में जल संरक्षण यात्रा कर चुके हैं. वे जल नीति में सुधार की मांग, गंगा को निर्मल कर गंगत्व बचाने, गंगा व श्वेत पत्र जारी करने, जल साक्षरता तथा जंगल बचाओ-जीवन बचाओ जैसे अभियानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं. वे कहते हैं नदियों, तालाबों समेत परंपरागत जल स्त्रोत नहीं बचाए, तो जीवन संकट में पड़ जाएगा. हर किसी को पानी बचाने की पहल करनी होगी. केवल सरकार के भरासे न बैठे रहें.
रिपोर्ट :रितुराज सिन्हा