चाईबासा (CHAIBASA) : आदिवासी हो समाज का सबसे बड़ा सामाजिक कार्यक्रम उपरुम-जुमुर रविवार सुबह पूजा-अर्चना के साथ शुभारंभ हुआ. मुख्य पुजारी बोयो गागराई और सतीश सामड ने अपने सहयोगियों के साथ आराध्य साल वृक्ष की डाल सामने स्थापित कर ग्राम देवता के साथ इष्ट देवी-देवताओं का आहवान करते हुए पूजा-अर्चना की. और हो समाज समेत समस्त मानवजाति की सुख-समृद्धि की कामना की. साथ ही एक मुर्गे की बलि देकर रासी अर्पित की गयी.
50 से अधिक स्टॉल में दिखेगी आदिवासी कला-संस्कृति की झलक
बता दें कि तांबो चौक के पास आयोजित हो रहे इस सामाजिक कार्यक्रम में 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. जिसमें आदिवासी कला-संस्कृति, रोजगार, चिकित्सा, आयुर्वेद, वनोत्पाद, हस्तशिल्प, जनजातीय पुस्तकों से संबंधित दुकानें शामिल हैं. इसके अलावे "हो भाषा रथ" को भी इस मौके पर रवाना किया जाएगा जो हो समुदाय के बीच वारंग क्षिति लिपि के प्रति जागरुकता फैलाएगी. वहीं महासभा का "लोगो" भी लांच होगा. इस बार उपरुम-जुमुर कार्यक्रम "ओलेयाबु-पढ़ाओवाबु-सेंयानाबु" की थीम पर आधारित है. प्रतिवर्ष नववर्ष के उपलक्ष्य में होनेवाले इस कार्यक्रम की कमान इस बार आदिवासी हो समाज युवा महासभा के हाथों में है. इस मौके पर युवा महासभा के अध्यक्ष डॉ बबलू सुंडी, गब्बर सिंह हेंब्रम, युवा महासभा के पूर्व अध्यक्ष भूषण पाट पिंगुवा, महासभा के पूर्व पदाधिकारी विश्वनाथ तामसोय, बामिया बारी, हरीश बोदरा, जगए होनहागा, यदूनाथ तियू, रेयांस सामड, बासुदेव सिंकू समेत अन्य लोग मौजूद थे.
उपरुम-जुमुर में शामिल होंगे मधु कोड़ा तथा गीता कोड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा सांसद गीता कोड़ा भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. सांसद प्रतिनिधि विश्वनाथ तामसोय ने बताया कि कोड़ा दंपत्ति ने इसके लिये स्वीकृति दी है. इसके अलावे विधायक सोनाराम सिंकु, दशरथ गागराई के शामिल होने की उम्मीद है. इसके अलावे पड़ोसी राज्यों के हो समाज के प्रतिनिधि तथा आगंतुक भी आ रहे हैं. अतिथियों का स्वागत नगाड़ा और मांदर की थाप पर पारंपरिक रिवाज से होगा.
रिपोर्ट : संतोष वर्मा, चाईबासा