चाईबासा (CHAIBASA) : पश्चिम सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के शासी/न्यास समिति की बैठक की गई. बैठक के दौरान जिला अंतर्गत ग्रामसभा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक विकास के लिए चयनित और विधिवत कार्यालय को प्राप्त योजनाओं में से खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के निर्धारित मानकों के अनुरूप योजनाओं को अनुमोदित किया गया. इसके अलावा बैठक में डीएमएफटी मद से संचालित योजनाओं के सफलतम क्रियान्वयन से संबंधित कई अहम बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया.
बैठक में शामिल मंत्री
बता दें कि बैठक में झारखंड राज्य की महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी, सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा, उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, डीएमएफटी- पश्चिमी सिंहभूम, अनन्य मित्तल, चाईबासा, मझगांव, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर और खरसावां विधानसभा क्षेत्र के विधायक, जिला परिषद अध्यक्षा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी मौजूद रहें.
योजनाओं को जल्द पूरा कराने को लेकर हुई चर्चा
मौके पर जोबा माझी ने बताया कि बैठक में पेयजल से संबंधित अधूरी योजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने को लेकर चर्चा किया गया है. ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सके. वहीं सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा नें यहां फण्ड इतनी है, लेकिन फण्ड का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. डीएमएफटी फण्ड का इस्तेमाल के लिए जो गाईडलाईन बनाई गई है. इसके अनुसार सही उपयोग नहीं किया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से हम लोग देख रहें है कि फण्ड का गाईडलाईन के अनुसार काम नहीं हो रहा है. जहां डीएमएफटी फण्ड का ज्यादा उपयोग होना चाहिए वहां नहीं हो रहा है,डीएमएफटी फण्ड के पैसे को कहीं और भेजा रहा है जिसका हम लोगों नें विरोध किया है. हजारो हजार करोड़ रूपये पानी की योजनाओं पर खर्च हुई है. पानी की योजनाओं पर खर्च वह भी जरूरी है,लेकिन जब हजारो करोड़ो रूपये पानी कि योजनाओं पर खर्च हो चुकी है फिर भी योजना पूर्ण नहीं हो रही. इसके बावजूद जेएमएस को फण्ड दे दिया गया है. जबकी भारत सरकार के एजी विभाग नें भी इसका विरोध किया है और स्पष्ट शब्दों में ऐजी विभाग नें कह दिया है कि दो जगह से एक ही योजनाएं नहीं चलाई जा सकती है.
महिलाओं के लिए आश्रय बनवाने का प्रस्ताव
बैठक में हमने बुर्जूग और कामकाजी महिलाओं के लिए आश्रय बनवाने का प्रस्ताव भी रखा गया. जोबा माझी ने कहा कि निश्चित रूप से वृद्व लोगों और कामकाजी महिलाओं के लिए डीएमएफटी फण्ड से आश्रय बनना चाहिए. माईनिंग क्षेत्र और नोवामुण्डी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सुद्द पयजल व्यवस्था बहाल कराने के लिए केवल योजना बनाने से काम नहीं चलेगी. योजना को धरातल पर लाने के लिए क्षेत्र का आधार रूप संरचना को भी देखनी होगी कि वहां पानी का रिसोर्स है कि नहीं. इसलिए इस योजना को धरातल पर लाने के लिए तकनिकी रूप रेखा पर भी बात किया है, लेकिन इन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए डीएमएफटी फण्ड से और पैसे देने की मांग कर रहें है.
रिपोर्ट : संतोष वर्मा, चाईबासा