टीएनपी डेस्क(TNP DESK):किसी बच्चे के लिए पेरेंट्स का होना बहुत ही जरूरी है. माता-पिता अपने बच्चों को सही दिशा दिखाने और आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. वो चाहते हैं कि उनके बच्चे कभी गलत रास्ते पर ना जायें. जिस वजह से वो कभी-कभी अपने बच्चों को डांटते भी हैं. और सख्ती से पेश भी आते हैं. लेकिन कभी-कभी ये सख्ती उन बच्चों के मानसिक विकास पर काफी बुरा प्रभाव डालती है.
पेरेंट्स की सख्ती बच्चों के लिए है खतरनाक
हमने बचपन में कभी ना कभी अपने माता-पिता से जरूर डांट खाई होगी. क्योंकि जब भी हम गलत करते हैं, तो हमारे माता-पिता ही हमें आगे का रास्ता दिखाते हैं. और हमे सही रास्ते पर ले जाते हैं. इसके लिए कभी-कभी हमें डांट फटकार भी पड़ती है. ये सख्ती माता-पिता हमें सही परवरिश देने के लिए करते हैं. लेकिन जब माता-पिता की सख्ती ज्यादा हो जाती है, तो इसका बुरा प्रभाव उस बच्चे पर पड़ने लगता है. जिसके बारे में हम आपको इस रिपोर्ट के जरिए बतायेंगे.
बच्चों की मेंटल हेल्थ को इस तरह करती है डैमेज
एक रिसर्च के मुताबिक जो माता-पिता अपने बच्चों को ज्यादा सख्त अनुशासन में रखते हैं, तो उनके बच्चों को लंबे समय तक मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है. और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. पेरेंट्स का जरूरत से ज्यादा स्ट्रिक्ट होना उसे बच्चों के लिए काफी बुरा साबित होता है. तीन, पांच और 9 साल के बच्चों पर सबसे ज्यादा इसका नकारात्मक असर पड़ता है.
माता-पिता के प्रति विश्वास कम हो जाता है
किसी भी बच्चों के पेरेंट्स ये चाहते हैं, कि वो अपने बच्चों की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले या छोटे-बड़े फैसले वहीं लें. और अपने बच्चों को सही राह दिखाएं. लेकिन इसकी वजह से बच्चों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है. ये वो सोच भी नहीं सकते है. जबरदस्ती बच्चों पर अपनी राय थोपने से बच्चों में माता-पिता के प्रति विश्वास कम हो जाता है. इसलिए कभी भी बच्चों पर कुछ भी राय थोपने से पहले उनकी भी राय सुन लें. इससे आप पर आपके बच्चों का विश्वास और ज्यादा बढ़ेगा और उसे अपने भावनाओं को इच्छाओं को पहचानने में दिक्कत नहीं होगी.
बच्चों में आत्मविश्वास की होती है कमी
जो पेरेंट्स अपने बच्चे पर सख्ती से पेश आते हैं, और हमेशा उसे डांटते फटकारते रहते है. उन्हें ये लगता है कि ऐसा करने से उनके बच्चे सही राह पर जाएंगे, तो वो बिल्कुल गलत सोचते हैं. किसी भी चीज को थोपना किसी के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है. जब भी आप अपने बच्चों को कुछ सीखना चाहते हैं, तो उन पर अपनी राय नहीं थोपें. उन्हें प्यार से समझाएं, ताकि आत्मविश्वास बना रहे. यदि बार-बार आप अपने विचार और रायों को उन पर थोपते हैं, तो उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है. और धीरे-धीरे ये इतना बड़ा आकार ले लेती है कि बड़े होने के बावजूद वो अपने फैसले खुद नहीं ले पाते और अपने फैसले के लिए दूसरों पर हमेशा डिपेंड रहते हैं.