टीएनपी डेस्क: कहा जाता है कि बच्चों के पहले शिक्षक उनके पेरेंट्स होते हैं. एक माता-पिता ही अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व को भी निखार सकता है. ऐसे में माता-पिता कि जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे और उनके पर्सनैलिटी को निखारें. लेकिन आज के समय में बच्चों को अच्छी परवरिश देना एक कठिन काम हो गया है. क्योंकि, आज के इस डिजिटल दौर में बच्चे मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहे हैं. ऐसे में वो जो भी ऑनलाइन देख रहे हैं वहीं सीख भी रहे हैं. हालांकि, अगर बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ उन्हें अच्छी आदतें भी सिखाई जाएं तो ये आदतें आगे चल कर उनकी पर्सनैलिटी को बेहतर बनाती हैं. इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चों को ये 7 बातें जरुर सिखानी चाहिए.
- बच्चों को सिखाएं गुड मैनर्स
बच्चों का मानसिक विकास 3 साल की उम्र से ही होने लगता है. ऐसे में 3 साल की उम्र से बच्चों को कई बातें सिखाना शुरू कर देना चाहिए. उन्हें गुड मैनर्स जैसे कि अगर कोई कुछ उन्हें दे रहा है तो उन्हें धन्यवाद (Thank You) करना या फिर अगर उनसे किसी तरह की गलती हो जाए तो तुरंत अपनी गलती मान कर माफी (Sorry) कहना सिखाना चाहिए. ये आदतें बच्चों की बेहतर व्यक्तित्व यानी की उनकी पर्सनैलिटी के लिए काफी जरूरी है.
- बड़ों व छोटों की इज्जत करना
माता-पिता को बच्चों को हमेशा अपने से बड़ों व छोटों की इज्जत करना सिखाना चाहिए. बड़ों को आदर सम्मान करना व छोटों की बातों को भी सुनने के लिए सिखाना चाहिए. इन आदतों से बच्चे हर किसी का सम्मान करना सीखेंगे. न केवल घर में बल्कि बाहर भी बच्चे हर किसी का आदर करेंगे. जो उनकी अच्छी पर्सनैलिटी के लिए जरूरी है.
- बच्चों को सिखाएं चीजें शेयर करना
माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों को खाने-पीने की सामान से लेकर कई चीजें दूसरे के साथ शेयर करना सिखाना चाहिए. इससे बच्चे दूसरे बच्चों के साथ आसानी से घुलेंगे-मिलेंगे और साथ ही उनके मन से किसी तरह का भेदभाव भी दूर होगा.
- मोबाइल की लत न लगने दें
बच्चों में आजकल मोबाइल का क्रेज ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में बच्चे जो भी सोशल मीडिया पर देख रहे हैं वही सीख रहे हैं. ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही मोबाइल नहीं देना चाहिए. अगर पेरेंट्स अपने बच्चों को मोबाइल दे भी रहे हैं तो कोशिश करें कि बच्चे कुछ सीख रहे हैं और कम समय के लिए ही देख रहे हों. मोबाइल में मोरल स्टोरीज से जुड़े विडीयोज वगेरह आप अपने बच्चों को देखने के लिए दे सकती हैं. ताकि बच्चे फोन में भी कुछ अच्छी बातें सीखें.
- बाहर खेलने के लिए भेजें
बच्चों को हमेशा घर में कैद करके नहीं रखना चाहिए. उन्हें बाहर एक निर्धारित समय के लिए ही सही लेकिन खेलने के लिए जरूर बाहर भेजें. ऐसे में बच्चे दूसरे बच्चों के साथ घुलना-मिलना सीखेंगे, जो कि उनके अच्छे पर्सनैलिटी के लिए जरूरी है. क्योंकि, घर में ही ज्यादातर बच्चों के रहने के कारण बाहरी दुनिया में लोगों से घुलने-मिलने में उन्हें दिक्कत होती है. इसलिए हो सके तो अपने बच्चे को बाहर जरुर खलेने के लिए भेजें.
- सोशल बिहेवियर सिखाना है सबसे जरूरी
बच्चों को सोशल बिहेवियर जैसे कि बड़ों को नमस्ते या फिर किसी भी तरह से उनका अभिवादन करना, दूसरों के साथ विनम्रता से पेश आना और विनम्र स्वभाव में बातचीत करना. इस तरह की आदतें बच्चों के पर्सनैलिटी के लिए जरूरी है.
- बच्चों का बढ़ाएं आत्मविश्वास
अगर आपके बच्चे पढ़ाई में या फिर किसी काम को अच्छे से नहीं कर पा रहे हैं तो फिर उन्हें डाटने या उनपर गुस्सा करने की जगह उन्हें प्यार से समझाएं. उन्हें इस बात का यकीन दिलाएं कि वे कर सकते हैं ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ें और वे उस काम को करने के लिए प्रेरित हों. अक्सर चिल्लाने या डाटने से बच्चों का आत्मविश्वास खुद पर कम हो जाता है और वे किसी भी काम को करने के लिए अपने आप को काबिल नहीं समझते हैं. इसलिए जितना हो सके उतना अपने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाएं.