टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भारत में कार्डियक अरेस्ट के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. लगातार हम ऐसी खबरों को देख रहे हैं जहां नाचते गाते जिम करते हुए लोगों को अचानक कार्डियक अरेस्ट आ जाता है. बूढ़े लोगों की तुलना में अब नौजवानों में भी कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया. ऐसी में हमें ये जानना बहुत जरूरी है कि इससे कैसे बचा जाए और अचानक जब भी ऐसी समस्या किसी को आए तो इससे कैसे बचा जा सके.
क्या है कार्डियक अरेस्ट
कार्डियक अरेस्ट में अचानक से दिल का धड़कना बंद हो जाता है. इसमें मरीज के पास बचने के लिए सर्फ 5 मिनट का समय है. इसके बाद डॉक्टर्स भी मरीज को नहीं बचा सकते हैं. यही वो समय होता है जहां आप तुरंत उपचार कर सकते हैं. अगर आपके आसपास किसी को कार्डियक अरेस्ट आता है तो सबसे पहले मरीज को तुरंत सीपीआर देना चाहिए. सीपीआर की मदद से आप मरीज की जान बचा सकते हैं.
क्या है सीपीआर
सीपीआर करके आप मरीज की जान बचा सकते हैं. सीपीआर देने के लिए सबसे पहले मरीज की छाती पर 30 बार तेजी से दबाव डालें. इसके लिए अपने दोनों हाथों को एक साथ बांध लें और पीड़ित व्यक्ति की छाती के बीच में जोर-जोर से दबाते हुए मारें. मारते वक्त देखें कि छाती करीब 1 इंच अंदर की ओर जाए. आपको 1 मिनट में 100 बार छाती को जोर से दबाना है. इस दौरान ध्यान रहे कि कंप्रेशन के बीच छाती को पूरी तरह से ऊपर उठने दें. आपको ऐसा तब तक करना है जब तक मरीज हॉस्पिटल न पहुंच जाए.
क्यूँ होता है कार्डियक अरेस्ट
इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ पर ध्यान दें और फिट रहें. ऐसा आहार लें, जो पौष्टिक हो, कम कार्बोहाइड्रेट और कम कोलेस्ट्रॉल वाला हो. शराब और धूम्रपान अगर आप करते हैं, तो आज ही त्याग दें क्योंकि ये हृदय संबंधी परेशानियों को बढ़ाने का काम करते हैं. इन दोनों चीजों का ध्यान रखने से ये आपको हार्ट की बीमारियों से दूर रखता है .