टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आपने ऐसिड रेन के बारे में तो जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि ये बारिश सामान्य बारिश से अलग क्यूँ होती. ऐसा क्या है इस बारिश में जिसका नाम ऐसिड जैसे खतरनाक शब्द से जोड़ा गया है. सामान्य तौर पर होने वाली बारिश का पीएच लेवल 5.3 से 6.0 तक होता है लेकिन जब सामान्य मात्रा से अधिक नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड का वातावरण में निष्पादन होता है तो यह ऐसिड रेन का कारण बनता है. इसका सबसे बड़ा कारण है प्रदूषण. शहर में मौजूद तमाम तरह की फैक्ट्री, कारखानों में ईधनों और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं ही मुख्य रूप से अम्ल वर्षा का कारण बनते हैं. इसके अलावा कोयला दहन से जो सल्फर निकलता है वो भी ऐसिड रेन का मुख्य कारण है.
ऐसिड रेन का असर
इसका असर कई रूप में देखा जाता है. इसका प्रभाव वन, मिट्टी इमारतों के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.
वन और मिट्टी पर इसका असर
ये पेड़ों को बीमारी, खराब मौसम और कीटों से लड़ने के लिए कमज़ोर बनाता है, और उनके ग्रोथ पर भी गहरा प्रभाव डालता है. वही दूसरी तरफ यह वर्षा मिट्टी के रसायन और जैविकी काफी नुकसान करता है. इसके प्रभाव के कारण मिट्टी के रोगाणुओं और जैविकी गतिविधि के साथ-साथ उसकी रासायनिक रचनाएं जैसे मिट्टी का पीएच क्षतिग्रस्त हो जाता है
इमारतों पर असर:
यह इमारतों पर लगे चुने को निकाल देती है. इससे इमारतें काफी कमज़ोर भी हो जाती हैं.
ऐसिड से लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर नहीं होता है, क्योंकि ऐसिड रेन का पानी काफी हल्का होता है, लेकिन ये स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं. फेफड़ों और दिल की समस्याओं जैसे ब्रोंकाइटिस और दमे का कारण बन सकता है.
रिपोर्ट: पूर्णिमा पांडे