टीएनपी डेस्क(TNP DESK): सीएम हेमंत सोरेन से ईडी पूछताछ कर रही है. ईडी कार्यालय जाने से पहले सीएम ने भाजपा पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है. ईडी को लिखे पत्र में सीएम ने कहा कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से मुझे अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाए हैं. रवि केजरीवाल JMM का एक सदस्य था और वर्ष 2020 में निष्कासित किए जाने के पहले वह झामुमो का कोषाध्यक्ष के पद पर था. उसके खिलाफ JMM के द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है और मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि वे मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे उपर गलत आरोप लगाए. सीएम की इन बातों से आपको उत्सुकता जरूर हुई होगी कि ये रवि केजरीवाल कौन है और वो सीएम हेमंत को क्यों फंसाना चाहेगा. चलिए जानते हैं कि रवि केजरीवाल कौन है और उसका सीएम से क्या नाता है.
कौन है रवि केजरीवाल?
रवि केजरीवाल का नाम हाल में चर्चा में तब आया जब आईएएस पूजा सिंघल को ईडी ने खनन घोटाले में गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान ईडी ने रवि केजरीवाल से भी पूछताछ की. इसी पूछताछ में सीएम हेमंत सोरेन का कहना है कि रवि केजरीवाल ने उनके खिलाफ जानबूझकर बयान दिया है.
रवि केजरीवाल एक समय पर हेमंत सोरेन के काफी करीबी माना जाता था. रवि केजरीवाल का सीधा कनेक्शन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार से है. रवि केजरीवाल के हेमंत सोरेन परिवार के करीब आने के पीछे उनके चाचा प्रयाग केजरीवाल का एक बड़ा रोल है. प्रयाग केजरीवाल झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबी माने जाते हैं. उन्हीं का शागिर्द बन कर रवि केजरीवाल की एंट्री झामुमो में हुई और देखते ही देखते वो सीएम हेमंत सोरेन परिवार का करीबी बन गया.
जब झामुमो के करीबी का टूट गया झामुमो से रिश्ता
रवि केजरीवाल कोलकाता का एक व्यवसायी भी है और उसपर कई शेल कंपनियां चलाने का भी आरोप है. व्यवसायी रवि केजरीवाल साल 2020 के पहले तक ना सिर्फ जेएमएम संगठन को चलाने में खर्च का पूरा ब्यौरा रखता था, बल्कि उस पर शेल कंपनी के जरिए राजननेताओं और अधिकारियों के ब्लैक मनी को निवेश कर व्हाइट मनी बनाने का आरोप लगता रहा है. इसके साथ ही रवि केजरीवाल झामुमो के कोषाध्यक्ष पद पर भी था. सोरेन परिवार से रवि केजरीवाल का अटूट रिश्ता था. मगर, अंत में एक दिन ये रिश्ता टूट ही गया. चार अगस्त 2020 को जेएमएम ने पार्टी से रवि केजरीवाल को छह साल के लिए बाहर निकाल दिया. एक समय था जब बीजेपी की सरकार थी तो रवि केजरीवाल पर झामुमो के लिए फंड जुटाने का आरोप लगता था. मगर, पार्टी से निष्काषित होने के बाद इसी रवि केजरीवाल पर झामुमो की मौजूदा सरकार गिराने का भी आरोप लगा. इसके विरुद्ध झामुमो ने धुर्वा थाने में केस भी दर्ज कराया था.