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बालू की किल्लत से जूझता झारखंड, कंस्ट्रक्शन कार्य ठप्प, काम की खोज में मजदूर कर रहे पलायन, देखिए ये रिपोर्ट

बालू की किल्लत से जूझता झारखंड, कंस्ट्रक्शन कार्य ठप्प, काम की खोज में मजदूर कर रहे पलायन, देखिए ये रिपोर्ट

रांची(RANCHI): सरकार के उदासीन रवैये के कारण बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी है. ऐसे में राज्य में अवैध तरीके से बालू की ढोलाई जारी है. लेकिन आम लोग एक ट्रैक्टर बालू के लिए भी तरस रहे हैं. बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध तस्करों की चांदी है, एक ट्रैक्टर बालू तीन से चार हजार का बिक्री कर रहे हैं. बालू घाटों की नीलामी नहीं होने के पीछे कई कारण बताया जाता है. सरकार कभी NGT के रोक का हवाला देती है, तो कभी कुछ और लेकिन सच्चाई यह है की यहां के लोग इस बीच पीस रहे हैं. बालू की किल्लत के वजह से छोटे छोटे निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद है. प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक भी परेशान है. इन सब का असर राज्य के मजदूरों पर भी पड़ा है, जीविका के अभाव में वे अब पलायन को मजबूर है. बालू की किल्लत पर पक्ष विपक्ष आमने-सामने है. वहीं झारखंड फेडरेशन चैंबर ने भी बालू घाटों की नीलामी पर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. बालू का अवैध खेल भी जोर-शोर से जारी है. इसमें थाना के सिपाही से लेकर जिले के बड़े अधिकारी शामिल है.   

बालू के वजह से कई कारोबार प्रभावित 

बालू की किल्लत पर चेम्बर अध्यक्ष कुमार मंत्री ने कहा कि इस राज्य में बालू घाटों की नीलामी तीन साल से नहीं की गई है. ऐसे में राज्य में इससे जुड़े कारोबार को भी बड़ा झटका लगा है. मजदूर राज्य छोड़ने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि चेम्बर की ओर से कई बार राज्य सरकार को सुझाव दिया गया. इस मामले में अब तक कोई पहल नहीं की गयी.उन्होंने कहा कि बालू की जरूरत किसी भी तरह के निर्माण को करने में जरूरी होता है.जब बालू नहीं मिलेगा तो उससे जुड़े और भी कारोबार प्रभावित हो रहे है.सीमेंट,रड,गिट्टी सहित अन्य समान की बिक्री में भारी गिरावट आई है.जल्द बालू चालू नहीं किया गया तो इससे जुड़े कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे.           

बालू की लूट में लगी सरकार 

वहीं भाजपा का कहना है कि राज्य में बालू पत्थर की लूट मची हुई है. यहां के लोगों को बालू मुश्किल से मिल रहा है. लेकिन बाहर आसानी से भेजा जा रहा है. यह सरकार यहाँ के स्थानीय लोगों को मारने में लगी हुई है.बालू की किल्लत से काम बंद है अब लोगों को मजदूरी नहीं मिल पा रही थी.हेमंत सरकार ने  पांच लाख रोजगार का वादा किया था लेकिन रोजगार तो दिया नहीं उल्टा बालू पर रोक लगाकर रोजगार छीन जरूर लिया है.    

बालू की नहीं है किल्लत 

सत्ता की सहयोगी कांग्रेस का मानना है कि राज्य में बालू की कोई किल्लत नहीं है. राज्य में निर्माण कार्य पूरी तरह से चल रहा है. सरकार बीच-बीच में वैकल्पिक व्यवस्था कर लोगों को बालू उपलब्ध कराने में लगी है. जल्द ही घाटों की नीलामी भी कर दी जाएगी.उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध ढोलाई से अभी इनकार कर दिया. 

वहीं इस मामले को लेकर आज कर्नल संजय सिंह राजपाल से मिले. उन्होंने बताया कि आज उन्होंने सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और बालू की किल्लत और पलामू जिला में प्रशासन के सहयोग से हो रहे बालू तस्करी से उन्हें अवगत कराया. उन्होंने कहा एक तरफ जहां लाभुक चार गुना ज्यादा कीमत पर तस्करी का बालू खरीदने को बाध्य है वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा समय पर आवास निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने से लाभुकों को आवास हेतु दी हुई राशि ब्याज के साथ वसूलने के साथ साथ प्राथमिकी की भी धमकी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि महामहिम ने आश्वस्त किया कि स्थानीय लोगों के लिए बहुत जल्द बालू की उपलब्धता हेतु सरकार को निर्देशित करेंगे. 

कब जागेगी सरकार 

कांग्रेस तो सत्ता की सहयोगी है, यह कभी सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकते है. लेकिन जो हाल झारखंड में है वह किसी से छुपा नहीं है. किसी का प्रधानमन्त्री आवास का काम रुका है तो किसी का कोई और, लेकिन फिर भी इन्हें बालू नहीं मिल रहा है. अब देखना होगा की सरकार कब नींद से जागती है और घाटों की नीलामी करती.अगर समय रहते अब भी नीलामी नहीं की गई तो झारखंड में बालू एक बड़ा संकट बन जाएगा.मजदूर पलायन करने को मजबूर है.

 

Published at:20 Apr 2023 03:19 PM (IST)
Tags:Jharkhand struggling with sand shortagemigration of people in search of workconstruction work stalledjharkhand sand crisicsand proublem in jharkhand
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