रांची(RANCHI): झारखंड के गिरिडीह जिले में जैन समुदाय का पवित्र स्थल पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित करने का पूरे देश में विरोध हो रहा है. जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से यहां बड़ी संख्या में मांस-मदिरा का प्रयोग बढ़ेगा, होटल खुलेंगे, जिससे इस पवित्र स्थल की पवित्रता खत्म होने का खतरा है. वहीं, राज्य सरकार की इस पर अलग राय है.
विकास कार्यों में होगी आसानी
वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने से विकास के कामों में तेजी आयेगी और प्रशासन को सहूलियत मिलेगी. सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि पर्यटन स्थल घोषित करने के बाद यहां बड़े-बड़े होटल और रेस्टोरेंट खोले जायेंगे. सरकार की ओर से साफ किया गया है कि पर्यटन स्थल घोषित करने का मतलब कतई नहीं है यहां कोई बड़ी संरचना तैयार की जायेगी.
सुविधा मिले इसलिए किया गया पर्यटन स्थल घोषित
राज्य सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति और खेलकूद विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि जैन धर्मावलंबियों को बेहतर सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र पारसनाथ में पहले से ही मांस-मदिरा पर प्रतिबंध है. वहीं, बुधवार को इसे और सख्ती से पालन करने का निर्देश गिरिडीह डीसी को दे दिया गया है.
भोपाल में जैन समाज ने किया प्रदर्शन
बता दें कि पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में झारखंड सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है. बता दें कि जैन धर्म के तीर्थराज श्रीसम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में बुधवार को भोपाल में जैन समाज मे प्रदर्शन किया. वहीं, निकाली गई मौन रैली में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बड़ी संख्या में शामिल हुए.
मांस, शराब पर वर्जित होने का कैबिनेट से पारित होगा प्रस्ताव
बता दें कि राज्य सरकार कैबिनेट से तीर्थ स्थल पारसनाथ को मांस और शराब से वर्जित करने का प्रस्ताव केबिनेट से पास करायेगी. इसके अलावा सरकार यह भी तय करेगी कि किस जगह से मांस और शराब की ब्रिकी नहीं हो. हालांकि, आपको यह भी बता दें कि पारसनाथ में अभी भी शराब और मांस पर प्रतिबंध है.
विधानसभा में उठ चुका है मुद्दा
पारसनाथ का मुद्दा झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान उठ चुका है. जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि यह जैन समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है.
जैन समुदाय के लोग चाहते हैं सरकार जारी करे अधिसूचना
बता दें कि सरकार ने गिरिडीह डीसी को निर्देश दिया है कि वहां मांस-मदिरा पर प्रतिबंध सख्ती से लागू की जाए. लेकिन जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार अधिसूचना जारी कर बताए कि यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाएगा.