रांची(RANCHI): जैन समाज के तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने पर जैन धर्म के लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है. सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध पूरे देश में हो रहा है. जैन समाज के लोगों की मांग है कि सरकार अपना प्रस्ताव वापस ले और उसे तीर्थ स्थल दोबारा घोषित करे. इसी कड़ी में आज यानी मंगलवार को रांची में भी मौन प्रदर्शन किया गया और राज्यपाल को एक ज्ञापन भी दिया गया. इस मामले को बढ़ता देख झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता आयोजन किया.
2018 में भाजपा सरकार ने पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड की किरकिरी सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के बाद हो रही है. देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इसमें भाजपा राज्य सरकार पर सवाल उठा रहा है. लेकिन इसका जिम्मेवार ही भाजपा है, पारस नाथ सम्मेद शिखरजी को 2018 में भाजपा सरकार ने पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद 2019 में भाजपा सरकार ने एक गजट लाया जिसमें राज्य के सभी जिलों के पर्यटन स्थल की सूची भेजी गई. उस समय किसकी सरकार थी इसका जवाब बाबूलाल और दीपक प्रकाश देंगे?
राष्ट्रीय मीडिया पाखंड रच रहा : JMM
देश की मीडिया में झारखंड की खबरें चल रही है, क्या उन मीडिया संस्थान के पास पारसनाथ को किसने पर्यटन स्थल घोषित किया इसका पेपर नहीं है. कुछ राष्ट्रीय मीडिया की ओर से पाखंड रचा जा रहा है, यह बेनकाब हो चुका है. भाजपा केंद्र और राज्य में दोनों जगह थी फिर झामुमो ने कैसे सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया.
यह सब भाजपा का सडयंत्र है : JMM
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 2019 के दिसंबर से आई है और इन तीन वर्षों में हमने वहां एक भी छेड़छाड़ नहीं किया है. हम जैन धर्म समाज के लोगों का सम्मान करते है. 20 दिसंबर को भी जब जैन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी उस वक्त भी मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि हम किसी भी हालत में पारसनाथ को अपवित्र नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली, सूरत, मुंबई और रांची में रैली निकाली जाती है. यह सब भाजपा का सडयंत्र है. दिल्ली में रैली निकाली गई क्यों नहीं गृह मंत्री ने जवाब दिया. गुजरात में हजारों लोग रैली में शामिल होते है. इसमें भाजपा के नेताओं का मुंह बंद क्यों है. जिस धर्म में मांस, मदिरा पूरी तरह से वर्जित है, उस समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल को अपवित्र करने की कोशिश की जा रही है.
सरकार की गिनाई उपलब्धियां
सुप्रियो ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों में उस समय भाजपा की सरकार थी, भाजपा को इस मामले में माफी मांगने की जरूरत है. देश में संघर्ष करने वालों में सबसे ज्यादा दलितों की संख्या है, आदिवासी है. जिन्होंने संघर्ष किया था उन्हें हेमंत सरकार सम्मानित करने का काम कर रही है. सावित्री बाई फूले योजना के जरिए झारखंड की बेटियां को सम्मान दिया जा रहा है.
रिपोर्ट : समीर हुसैन, रांची