रांची(RANCHI): देश में हर दिन लाखों लोगों को साइबर अपराधी अपने जाल में फंसा रहे हैं. विभिन्न तरह के लालच देकर लाखों रुपये मिनटों में साफ हो जाते हैं, आखिर कैसे साइबर अपराधी के झांसे में फंस जाते हैं. यह सवाल हर कोई जानना चाहता है. अक्सर साइबर अपराधी कम पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन इन्हे लोगों को झांसे में लेने का पूरा तरीका मालूम रहता है. विभिन्न माध्यम के जरिए साइबर ठग लोगों को फोन करते है. फोन कर विभिन्न स्कीम के बारे में समझाएंगे या फिर कभी आपको कोई लॉटरी जीतने की बात कहेंगे. यहीं से साइबर ठग अपने काम की शुरुवात करते है.
कम पढ़े लिखे युवा क्यों बन जाते हैं साइबर अपराधी
अधिकतर साइबर अपराधी आपको कम पढ़े लिखे ही मिलेंगे. हाल में दर्जनों साइबर अपराधी पुलिस गिरफ्त में आए. जो मैट्रिक तक भी पढ़े लिखे नहीं थे. अब समझते है आखिर क्यों इतना कम पढ़े लिखे युवा अपराध की दुनिया में कदम रख लेते है. कम पढ़े लिखे होने के कारण उन्हे कोई काम नहीं मिलता. रोजगार की तलाश में भटकते-भटकते थक जाते हैं. आखिर में उन्हे कोई एक ऐसा शातिर दिमाग का युवक मिलता है और उन्हे पैसा का लालच देकर झांसे में ले लेता है. यहीं से उनके साइबर ठगी की शुरुआत हो जाती है. फिर शायद जो युवा रोजगार की तलाश में शहर आया था वह अब वापस नहीं लौट पाता है.
साइबर अपराध की दुनिया ऐसी दुनिया है जहां से कोई वापस नहीं लौटा
साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है, जिससे कभी कोई बाहर नहीं निकल पाता है. साइबर ठगी की दुनिया में आने के बाद अपराधी को पैसे की लत लग जाती है. बैठे-बैठे किसी को फोन कर झांसे में लेने की हुनर के साथ वह खेलता है. हर दिन कम से कम 10 हजार रुपये तो साइबर अपराधी उड़ा ही लेता है. किसी दिन 10 हजार तो किसी दिन बड़ा हाथ भी लग जाता है. ऐसे में उसे आराम में एक कमरे में बैठ कर लाखों रुपये महीने में आ जाता है. साइबर अपराध की दुनिया ही उस अपराधी को अच्छी लगने लगती है. उस पैसे से अपनी सारी जरूरतों को पूरा करता है. महंगी गाड़ी, महंगे फोन और भी बहुत कुछ अपने लाइफ स्टाइल में पूरा करते है. अब इतना कुछ एक साधारण काम करने से तो पूरा नहीं होगा. इसी वजह से साइबर अपराधी इस काम में बढ़ता जाता है.
कैसे उड़ाते हैं साइबर अपराधी पैसा
जैसे-जैसे टेक्नॉलोजी बढ़ रही है, वैसे ही साइबर अपराधी के अपराध करने का तरीका भी. पहले साइबर अपराधी मोबाईल टॉप अप का नंबर किसी तरह से लेकर उसका पैसा उड़ाते थे. उसके बाद फिर ATM नंबर लेकर बैंक खाता से पैसा उड़ाना शुरू किया. जैसे जैसे दुनिया बदल रही है साइबर अपराधी भी अपने आप को हाई टेक कर रहे है. अब किसी लॉटरी जीतने या फिर बैंक खाता बंद होने का कॉल कर झांसे में लेते थे. लेकिन अब जैसे जैसे लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से Any Desk, Any Admin या फिर कोई और ऐप्लकैशन डाउनलोड करा कर फोन को हैक कर लेते है. फिर फोन का सारा डाटा अपने पास ट्रांसफर कर बैंक खाता या फिर फोन पे के जरिए पैसा उड़ा रहे है.
बैठ कर खाने की आदत जेल तक पहुंचा देती है
साइबर अपराधी आखिर कार पुलिस गिरफ्त में आ जाते हैं. पुलिस अपने टेक्निकल विंग की मदद से साइबर अपराधियों तक पहुंचती है. जब साइबर अपराधी पुलिस गिरफ्त में आते है तो पूरे घटना के बारे में पुलिस को बताते है. कैसे कॉल कर भोले भाले लोगों को ठगी का शिकार बनाते है. साइबर अपराधियों को बैठ कर पैसा कमाने की आदत उन्हे जेल तक पहुंचा देती है. लेकिन जेल जाने के बाद कुछ दिनों के लिए अपराधी किसी को ठगी का शिकार नहीं बना पाते है. लेकिन जब वापस जेल से छूटते है तो फिर वही काम शुरू कर देते है. इस दलदल से बाहर निकालना मुश्किल है.