रांची(RANCHI): झारखंड खनिज संसाधन और प्राकृतिक सुंदरता से भरा पूरा प्रदेश है. झारखंड में कोयला, उच्च कोटी का मस्कोवाइट अभ्रक, बाक्साइट और कई तरह के खनिज काफी मात्रा में मिलते हैं, बावजूद इसके राज्य का विकास अभी भी कई प्रदेशों के मुकाबलें काफी पीछे है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह नक्सलवाद और राजनीतिक अस्थिरता है. राज्य की राजनीतिक अस्थिरता के बारे में हमने पहले की स्टोरी में बताया था. वहीं आज हम राज्य में बढ़ती नक्सलवाद और उसका साया कैसे राज्य के विकास में बाधा बनता है इस पर बात करेंगे. दरअसल, झारखंड के कई जिले अभी भी अतिनक्सल प्रभावित माने जाते हैं. ऐसे में खासकर उन जिलों में विकास कार्य में काफी मुश्किलें होती है. नक्सलियों द्वारा काम में लगे ठेकेदारों से रंगदारी मांगी जाती है. कई ठेकेदारों को किडनैप कर लिया जाता है तो कहीं विकास काम में लगे वाहन को आग के हवाले कर दिया जाता है.
40 करोड़ रुपए की 4 योजनाओं का काम बंद
ऐसा ही एक ताजा मामला झारखंड के चतरा से सामने आया है. जहां, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 40 करोड़ रुपए की 4 योजनाओं का काम कंपनियां छोड़कर चली गई है. मिली जानकारी के अनुसार काम कर रही है. कंपनियों का कहना है कि जबतक सुरक्षा नहीं मिलेगा तबतक काम शुरू नहीं किया जायेगा. बता दें कि बंद चारों योजनाएं कुंदा, प्रतापपुर, लावालौंग और चतरा की है. चारों योजनाएं 10-10 करोड़ रुपए की है.
नक्सलियों ने काम में लगी गाड़ियों को किया था आग के हवाले
बता दें कि पिछले सप्ताह ही नक्सलियों ने कुंदा और चतरा सदर प्रखंड में दो सड़क योजनाओं में काम पर लगी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. वहीं, इस महीने की बात करें तो नक्सिलयों द्वारा सड़क निर्माण साइट पर तीन हमले किए गए हैं. पहला हमला 6 दिसंबर को काम पर लगी दो जेसीबी फूंक दी थी. वहीं, दूसरी घटना 10 दिसंबर की है, जहां दर्जनों की संख्या में नक्सलियों ने साइट पर हमला किया था और काम पर लगे जेसीबी को बम से उड़ा दिया था और तीसरी घटना 12 दिसंबर की है, यहां नक्सलियों के द्वारा मजदूरों को पीटा गया था और जेसीबी वाहन को फूंका गया था.
सारंडा में भी लगातार हो रहे नक्सली हमले
चतरा के अलावा भी सारंडा में कई विकास योजनाओं के काम बंद पड़े हुए हैं. सारंडा में पिछले कुछ दिनों में कई बार नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हो चुका है. इस मुठभेड़ में कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए थे. वहीं, कई नक्सलियों के भी घायल होने की सूचना मिली थी. सारंडा में पहले भी कई काम सुरक्षा मिलने के बाद ही पूरा हो पाया है.
क्यों बढ़ी नक्सली घटनाएं?
दरअसल, राज्य में पहले भी नक्सली घटनाएं होती थी लेकिन पिछले कुछ महीनों से राज्य में नक्सली घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि पुलिस ने कुछ दिन पहले ही बूढ़ा पहाड़ और लोहरदगा के बुलबुल जंगल से नक्सलियों को खदेड़ दिया है. इन दोनों जगहों से बाहर होने के बाद नक्सली अब चतरा और हजारीबाग को अपना गढ़ बनाने में लग गए हैं. वहीं, अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए और पैसे की वसूली के लिए नक्सली ठेकेदार और काम पर लगी कंपनियों पर हमले कर रहे हैं.