रांची(RANCHI): दो हजार रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने के भारत सरकार के निर्णय पर सियासत जारी है. राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. झारखंड में सत्ता पक्ष भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि आरंभ से ही यह कहा जा रहा था कि 2000 का नोट उचित नहीं होगा. इस पर भाजपा ने भी हमला बोला है और कहा है कि भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले राजनीतिक दल और उसकी सरकार को इस नोट बंदी से परेशानी हुई है. हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि देश की जनता खुश है.
आराम लोगों के पास 2000 का नोट कहां है. वैसे ही लोगों को इससे परेशानी हो रही है जो भ्रष्ट तरीके से पैसे काला धन के रूप में अपने पास रखे हुए हैं. इनमें राजनेता और उनके शासन वाले नौकरशाह शामिल हैं. दीपक प्रकाश ने यह भी कहा कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई में अधिकांश जगहों से 2000 नोट वाले ही बंडल मिले हैं.
दीपक प्रकाश ने आगे यह कहा कि भारत सरकार ने बहुत सोच समझकर 2000 के नोट को सरकुलेशन से बाहर लेने का निर्णय लिया है. यह नोट काला धन के रूप में भ्रष्ट राजनेता, भ्रष्ट राजनीतिक दल, नौकरशाह और आतंकी या उग्रवादी संगठनों के पास जमा थे. इसलिए ऐसे लोगों को ज्यादा कष्ट हो रहा है.
नोटबंदी के इस निर्णय को जायज ठहराते हुए भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकती है.इसलिए ऐसे कदम उठाए गए.इससे काला धन खत्म करने में मदद मिलेगी.