TNP DESK: दीपिका पांडे सिंह इधर रांची के उलगुलान रैली में रविवार को कांग्रेस नेताओं का स्वागत कर रही थी और उधर गोड्डा से उनकी जगह दूसरे उम्मीदवार की चिट्ठी पर हस्ताक्षर हो रहा था.गोड्डा से प्रदीप यादव अब कांग्रेस के उम्मीदवार बन गए है. कांग्रेस रांची से सुबोध कांत सहाय को टिकट देना भी नहीं चाहती थी और उन्हें नाराज रखना भी नहीं चाहती थी. नतीजा हुआ कि बीच का रास्ता निकला और सुबोध कांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को कांग्रेस ने टिकट दे दिया. यह टिकट महिला कोटे से गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व घोषित उम्मीदवार विधायक दीपिका पांडे सिंह का टिकट काटकर दिया गया . यह बात कांग्रेस के सूत्र ही बताते हैं.
रांची से सुबोध कांत सहाय की बेटी को मिला टिकट
दरअसल, झारखंड में कांग्रेस को सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना है. पहले जो घोषणा हुई थी, उसमें दो सीटों पर महिला उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था. धनबाद में अनुपमा सिंह और गोड्डा में दीपिका सिंह पांडे का, लेकिन रांची सीट होल्ड पर थी. यहां सुबोध कांत सहाय टिकट लेने की रेस में थे. कांग्रेस आलाकमान ने सुबोध कांत सहाय को तो टिकट नहीं दिया लेकिन उनकी बेटी को टिकट दे दिया. सूत्र बताते हैं कि सुबोध कांत सहाय की उम्र टिकट देने में आड़े आ रही थी. जानकारी के अनुसार अगर गोड्डा से दीपिका पांडे सिंह का टिकट नहीं कटता, तो कांग्रेस के सात उम्मीदवारों में से तीन महिला उम्मीदवार हो जाती. गोड्डा से विरोध के स्वर भी उठ रहे थे. इसलिए कांग्रेस ने वहां से विधायक प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस ने फिर एक बार प्रदीप यादव पर जताया भरोसा
प्रदीप यादव 2002 में भाजपा के सांसद थे. अभी वह विधायक हैं. बाबूलाल मरांडी जब भाजपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाई तो प्रदीप यादव भी झारखंड विकास मोर्चा में चले गए. बाबूलाल मरांडी जब भाजपा में लौटे तो प्रदीप यादव कांग्रेस में चले गए. 2019 में भी उन्होंने गोड्डा लोकसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी हार हुई. निशिकांत दुबे वहां से चुनाव जीते थे. कांग्रेस ने फिर एक बार प्रदीप यादव पर दीपिका सिंह पांडे का टिकट काटकर भरोसा जताया है. यह अलग बात है कि झारखंड में अल्पसंख्यकों को टिकट नहीं देने के खिलाफ विधायक इरफान अंसारी काफी मुखर थे. गोड्डा लोकसभा सीट से पूर्व सांसद अपने पिता को टिकट चाह रहे थे. लेकिन पहले दीपिका सिंह पांडे को टिकट मिला, फिर उसके बाद उम्मीदवार बदला गया तो प्रदीप यादव के हिस्से में गोड्डा लोकसभा सीट का टिकट आ गया. सुबोध कांत सहाय लगातार 2004 से रांची से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. लेकिन इस बार उम्र की वजह से उनको टिकट नहीं मिला और उनकी बेटी को टिकट दे दिया गया. उनकी बेटी की उम्र अभी 28 साल है और इस वजह से वह झारखंड में सबसे युवा प्रत्याशी बन गई है.
फिलहाल जो लिस्ट है ,उसके अनुसार गोड्डा से प्रदीप यादव, रांची से यशस्विनी सहाय, लोहरदगा से सुखदेव भगत, खूंटी से कालीचरण मुंडा, हजारीबाग से जे पी पटेल, चतरा से के एन त्रिपाठी, धनबाद से अनुपमा सिंह कांग्रेस की फिलहाल उम्मीदवार हैं. आगे अगर इस सूची में कुछ बदलाव हो तो कहा नहीं जा सकता है. क्योंकि कई सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर विरोध चल रहा है. लगातार शिकायतों का पुलिंदा आला कमान को भेजा जा रहा है.
धनबाद में अनुपमा सिंह की उम्मीदवारी के खिलाफ बुजुर्ग कांग्रेसी नेता ललन चौबे ने इस्तीफा तक दे दिया. इसका फायदा उठाते हुए धनबाद से भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो ने बोकारो में जाकर पूर्व सांसद ददई दुबे से मुलाकात की और विजई भव: का आशीर्वाद लिया. चतरा में भी विवाद चल रहा है. के एन त्रिपाठी का विरोध हो रहा है. इसका नजारा रविवार को रांची में आयोजित रैली में भी देखने को मिला. के एन त्रिपाठी के समर्थक और विरोधी आपस में ही उलझ गए. मारपीट हुई, कुर्सियां तोड़ी गई. जो भी हो लेकिन कहा तो यही जा रहा है कि रांची सीट के चलते दीपिका पांडे सिंह का टिकट कटा है. टिकट कटने के बाद दीपिका पांडे सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर हरिवंश राय बच्चन को कोट करते हुए पोस्ट डाला है कि मन का हो तो अच्छा, मन का ना हो तो और भी अच्छा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो