रांची (RANCHI): हाल के दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुआ. जिसमें भाजपा ने अच्छी जीत हासिंल की. इसमें सबसे खास यह रहा कि छत्तीसगढ़ जिसे आदिवासी बहुल एरिया कहा जाता है. इस विधानसभा चुनाव में आदिवासी समाज के लोगों ने भाजपा को अच्छा खासा वोट देकर छत्तीसगढ़ की गद्दी पर विराजित किया. इसे देखते हुए उत्साहित भाजपा झारखंड में भी इसका प्रयोग करने जा रही है. वैसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूरे देश में आदिवासी समाज के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.लेकिन झारखंड को विशेष रूप से इसलिए महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि यहां पर 27% आबादी जनजाति समाज की है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन बड़े कार्यक्रम बनाए गए हैं.
सम्मेलन में क्या कुछ किया जाएगा
भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी ने शनिवार को बैठक कर पार्टी के नेताओं को आवश्यक निर्देश दिए. 11 फरवरी को रांची में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा. इस कार्यक्रम में दूसरे राज्यों से भी आदिवासी आएंगे जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा है कि, इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय मांगा जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. पूर्व विधायक और एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिव शंकर उरांव को इस कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया है.
यह कार्यक्रम किए गए है निर्धारित
11 फरवरी को होने वाले आदिवासी सम्मेलन में अधिक से अधिक लोगों को लाने का प्रयास किया जाएगा. इसके अलावा भाजपा एसटी मोर्चा पूरे देश में एक लाख गांव में चौपाल लगाएगा सारा कार्यक्रम इस तरह से तैयार किया जा रहा है. ताकि लोकसभा चुनाव में आदिवासी समाज का आशीर्वाद भाजपा को मिल सके. इसके अतिरिक्त देश के लगभग 10000 जिला केंद्रों पर भी आदिवासी समाज से जुड़े कार्यक्रम में आयोजित होंगे.
झारखंड के लिए महत्वपूर्ण है आदिवासी वोट
बात अगर झारखंड लोकसभा सीट की हो तो सरकार बनाने के लिए यहां के आदिवासी मुलवासिया का वोट काफी खास माना जाता है. वहीं अगर विधानसभा चुनाव की बात करे तो इस दृष्टिकोण देखे तो यहां 28 सीटें आदिवासी समाज के लिए आरक्षित हैं. भाजपा के पास फिलहाल दो ही सीट है. अगर झारखंड में सरकार बनानी है तो आदिवासी आरक्षित विधानसभा सीटों को जीतना होगा.