रांची(RANCHI): टेंडर कमीशन मामले में गिरफ़्तार मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि आज ख़त्म हो गई. जिसके बाद उन्हें गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के दौरान ईडी ने कोर्ट मे कहा कि आलमगीर आलम से और पूछताछ की आवश्कता नहीं है. ईडी ने कोर्ट से मंत्री को होटवार जेल भेजने की अनुमति मांगी. कोर्ट की स्वीकृति के बाद कड़ी सुरक्षा में आलमगीर आलम को होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल भेजा गया. अब मंत्री की रात होवार में गुजरेगी.
बता दें कि 6 मई को झारखंड में ईडी ने बड़ी कार्यवाई की थी और इस कार्यवाई के दौरान मंत्री आलमगीर आलम के पी.एस सजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से 32 करोड़ रुपये बरामत किए गए थे. इस मामले में ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को 14 मई को समन जारी कर ईडी दफ्तर बुलाया था. वहीं पूछताछ के दौरान मंत्री आलम को 15 मई को ईडी ने गिरफ्तार कर लिय़ा था. तब से मंत्री ईडी की रिमांड पर थे. बता दे कि 17 मई को उन्हें 6 दिनों की ईडी रिमांड में रखा गया और उनसे कमीशनखोरी मामले को लेकर पूछताछ की गई थी. वहीं 22 मई को 6 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें दोबारा पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया और ईडी के द्वारा 8 दिनों की रिमांड मांगी गई लेकिन कोर्ट ने 5 दिनों की रिमांड स्वीकृत की. इसके बाद उन्हें 5 दिनों तक ईडी कार्यालय में रखा गया और उससे पूछताछ की गई. बता दे कि कोर्ट में आलमगीर आलम के स्वास्थ्य पर भी बात रखी गई और मंत्री आलमगीर आलम के वकील ने मेडिकल टीम की भी मांग की हैं. 5 दिनों की पूछताछ में मंत्री आलमगीर आलम से कमीशन खोरी मामले को लेकर ईडी ने कई सवाल जवाब किए जिसके बाद जांच के घेरे में ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन भी आए और जिसके बाद मनीष रंजन को भी ईडी कार्यालय बुला कर उनसे पूछताछ किया गया था. इसी बीच अब गुरुवार को मंत्री आलमगीर की रिमांड अवधि ख़त्म होने के बाद कोर्ट में सुनवाई हुई और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया.
रिपोर्ट: महक मिश्रा