रांची(RANCHI): झारखंड में विधानसभा चुनाव ख़त्म हो गया. राजनीतिक पार्टियां अपना अपना सरकार बनाने का दावा कर रही है. चुनाव खत्म होते ही बुधवार की शाम एग्जिट पोल भी सामने आ चुका है. अब देखना है कि झारखण्ड में एग्जिट पोल कितना सटीक साबित होता है या हरियाणा के जैसा फ्लॉप. इन सब के बीच अगर बात की जाए झारखंड के पांच साइलेंट सीट के बारे में जिसके प्रत्याशी भी इस बात का अंदाजा नहीं लगा पा रहें है कि आखिर जनता किसके साथ खड़ी है.
सभी राजनितिक दल भी अपने अपने हिसाब से जीत का दावा कर रहें हैं. संथाल से लेकर कोल्हान और पलामू से कोयलांचल तक सभी सीट का पत्ता करीब करीब साफ़ है. लेकिन पलामू की दो संथाल से एक और कोयलांचल से दो सीट का परिणाम उलझाने वाला है. इस सीट पर एग्जिट पोल भी फेल हो गया. आखिर जनता के दिल में क्या है किसी को नहीं मालूम. ऐसे में इन सीट को अब साइलेंट सीट के नाम से जोड़ घटाव किया जा रहा है.
चलिए अब साफ साफ बताते है कि आखिर वह कौन सी सीट है. सबसे पहले पलामू की विश्रामपुर सीट की बात कर लेते है. यहां भाजपा से रामचंद्र चंद्रवंशी उम्मीदवार है. कद्दावर नेता है. लेकिन इस बार विरोध खूब हुआ कारण था क्षेत्र के लोगों से दुरी बनाना. ऐसे में इनके सामने राजद-कांग्रेस-AIMIM के भी उम्मीदवार थे. इस सीट पर बाजी कौन मारने वाला है यह तो जनता खुल कर नहीं बोल रही है. खूब सभी प्रत्याशी भी सर्वे करा चुके लेकिन, जानकारी नहीं मिली की कौन किसके साथ है.
इसके अलावा मनिका विधानसभा सीट पर भी क्या होने वाला है ना ही भाजपा को मालूम है और ना ही कांग्रेस को सभी समीकरण बैठाने में जुटे है. मतदाता बहुत ही गुप्त तरीके से बिना किसी हो हल्ला के चुपचाप मतदान देकर बैठे है. इस सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस से रामचद्र सिंह और भाजपा हरिकृष्ण सिंह चुनावी अखाड़े में है. ऐसे में दोनों कद्दावर नेता है और अपनी अपनी जमीनी पकड़ क्षेत्र में है. लेकिन परिणाम किसके हक़ में है यह किसी को मालूम नहीं है.
बेरमो सीट की ही बात कर लें तो यहां कांग्रेस से अनूप सिंह है और भाजपा से रविंद्र पांडे के बीच लड़ाई थी, लेकिन बीच में जयराम की इंट्री हुई और पूरा माहौल ही बदल गया.अब जयराम कोई गुल खिलाने वाले है या अनूप रिपीट होंगे किसी को नहीं मालूम. इस सीट पर पहली बार ऐसा चुनाव हुआ है जहां मतदाता साइलेंट मोड में है.आखिर किसका पलहड़ा भारी है और कौन जीतने वाले है यह अब मतगणना में ही साफ़ हो पायेगा.
इसके अलावा चन्दनकियारी की ही बात करें तो यहां आजसू के बागी उमाकांत रजक नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के सामने है. इस सीट पर इतना टफ मुकाबला है कि बताना मुश्किल है. कौन किस पर भारी पड़ रहा है. चुनाव में क्या होने वाला है. जनता चुप है और सिर्फ मतगणना का इंतजार करने का हवाला दे रही है.
गोड्डा सीट भी खूब सुर्खियों में है.यहां राजद से संजय यादव है तो भाजपा से अमित मंडल चुनाव लड़ रहे है. दोनों की किस्मत EVM में कैद है. 23 को रिजल्ट आनेवाला है. जनता ने किसे ताज पहनाया है यह बताना मुश्किल है. एग्जिट पोल के लोगों को भी जानकारी नहीं मिली की आखिर यहां खेल क्या हुआ है. कौन विधानसभा जाने को तैयार है और कौन गोड्डा में ही रहने वाला है.
इन पांच सीट का माहौल अन्य 81 सीट से अलग है. सभी सीट पर जनता खुल कर बोल रही है नेता भी खूब उत्साहित है. लेकिन यहां तो सभी उलझन में फंसे हैं आखिर जनता ने किया क्या है. किसके साथ गई है. आखिर इस सन्नाटे के पीछे क्या है. यह सवाल का जवाब अब 23 को मिलेगा. तब तक सब्र कीजिये और पढ़ते रहिये THENEWSPOST.IN