टीएनपी डेस्क(TNP DESK):इन दिनों बच्चों का एग्जाम चल रहे है, दसवीं के साथ इंटर के एग्जाम को लेकर बच्चें काफी चिंतित रहते है, क्योंकि बोर्ड एग्जाम के नंबर ही बच्चों का फ्यूचर निर्धारित करते है, इस नजरीये से भी इसको ज्यादा महत्व दिया जाता है, वहीं इसको लकेर बच्चे कभी कभी ज्यादा ही परेशान हो जाते है, और ये परेशानी आगे जाकर बच्चों के उपर नाकारात्मक प्रभाव डालती है, जिसकी वजह से बच्चों के परफोर्मेंस अच्छा होने की जगह खराब हो जाता है.वहीं बच्चों के स्ट्रैस के पीछे उनके माता पिता का भी हाथ होता है, वो बच्चों को अच्छा परफोर्म करने के लिए इतना दबाब बनाते है कि बच्चे दबाब में आकर बच्चे एग्जाम देते है, और कुछ खास नहीं कर पाते हैं.
एग्जाम के स्ट्रैस की वजह से बच्चे एग्जाम के फोबिया का शिकार हो जाते है
आपको बताये कि एग्जाम के स्ट्रैस की वजह से बच्चे एग्जाम के फोबिया का शिकार हो जाते है,जिसकी वजह से बच्चों के मोराल के साथ एनर्जी भी डाउन होने लगता है,जिससे बच्चे कमजोर फिल करने लगते है, और उनका मेमोरी पावर वीक हो जाता है, और आसान से बिषय भी उनको कठिन लगने लगता है. जिससे उनका पढ़ा हुआ भी चैप्टर ठीक से याद नहीं रहता है, जिससे वो एग्जाम हॉल में नर्वस हो जाते है, और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते है.
यदि आपके बच्चे भी इस साल बोर्ड एग्जाम दे रहे है, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है
यदि आपके बच्चे भी इस साल बोर्ड एग्जाम दे रहे है, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है, क्योंकि इसमे हम आपको बच्चों के एग्जाम स्ट्रैस को दूर करने के उपाय बतानेवाले है, जिससे बच्चे मन लगाकर पढ़ेंगे और दिल लगाकर एग्जाम देंगे और बहुत ही अच्छा परफोर्म करेंगे.इसमे बच्चों के पेरेंट्स की अहम भूमिका होती है, तो आपको बता दें कि यदि आप भी चाहते है कि आपके बच्चे स्ट्रैस फ्री होकर परीक्षा लिखे, तो पूरा आर्टिकल पढ़ें.
बच्चों को ये समझायें कि मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है
यदि आपके बच्चे भी बोर्ड एग्जाम या इंटर की तैयारी कर रहे है, तो उनपर कुछ भी थोपने की जगह बच्चों को कड़ी मेहनत, लगन, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ तैयारी के साथ करने के लिए प्रोत्साहित करें, और परिणाम को लेकर इनपर किसी तरह को दबाब नहीं बनाये. अपने बच्चों से ये साफ कह दें कि आप मन लगाकर पढ़ों, परिणाम कुछ भी हो हम आपके साथ है.बच्चों को नोट्स से तैयारी करवाएं. वहीं पिछले साल के सैंपल पेपर लेकर टेस्ट लें ताकि उनकी तैयारिंयों का अंदाजा मिल सके. वहीं बच्चों को ये समझायें कि मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है.
बच्चों के खान पान पर दें विशेष ध्यान
वहीं परीक्षा की तैयारियों के दौरान बच्चों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उनकी एनर्जी लगती है इस लिए परीक्षा के दिनों में बच्चों पर एग्जाम के समय भोजन का खास ख्याल रखें, और स समय संतुलित बोजन करायें, और बाहर के खाना, भारी और तला-भुना भोजन से दूर रखें. असंतुलित भोजन करने से बच्चों के मानसिक और शारीरिक ऊर्जा का स्तर पर गहरा असर पड सकता है.
बच्चों को पॉजिटिव लोगों और दोस्तों के साथ समय बिताने दें
वहीं यदि आपके बच्चे पर एग्जाम का डर यानि फोबिया हावी हो गया है , तो घर का वातावरण बदलें, औरबच्चों को सुबह-शाम पार्क या फ्रेस वातावरण की सैर कारएं, वहीं बच्चों को पॉजिटिव लोगों और दोस्तों के साथ समय बिताने दें ताकि बच्चे खुश होकर पढ़ सकें.वहीं यदि परिवार में किसी तरह का कोई इवेंट में शामिल होने दें. रोचक और ज्ञानवर्धक टीवी प्रोग्राम देखने दें
कम से कम छह से आठ घंटे की गहरी नींद सोने दें
वहीं बहुत से पेरेट्स बच्चों को ज्यादा पढ़ाने के चक्कर में पर्याप्त नींद नहीं लेने देते है, जिसका परिणाम होता है, कि बच्चे दिनभर नींद से झुकते रहते है, और मानसिक तनाव में आ जाते है, इसलिए बच्चों को कम से कम छह से आठ घंटे की गहरी नींद सोने दें, यदि बच्चे पर्याप्त नींद लेंगे, तो मानसिक और शारीरिक थकान को दूर रहेगी.जिससे मन की एकाग्रता को बढ़ेगी.