टीएनपी डेस्क(TNP DESK):हर कोई चाहता है कि उनके नन्हे से मासूम का शारीरिक और दिमागी विकास तेजी से हो, उसके लिए लोग तरह तरह के तरीके अपनाते हैं, आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्चे के तेज दिमाग के लिए कुछ आसान से तरीके बताने जा रहे हैं.आपको बताये कि बच्चों की डाइट में फल और सब्जियों के अलावा यह 6 ड्राई फ्रूट्स को यदि आप शामिल करते है, और आप रोजाना नियमित तरीके से बच्चों को खिलाते हैं, तो निश्चित तौर पर आपका बच्चा मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ होगा.
शारीरिक और मानसिक विकास के लिए डाइट में शामिल करें ड्राई फ्रूट
आपको बताये कि बच्चों के सही विकास के लिए उनके खाने में हेल्दी और पौष्टिक चीजों को शामिल करना जरूरी होता है, इसके सहारे ही बच्चों को खेलने कूदने और पढ़ने की शक्ति मिलती है, लेकिन फल और सब्जियों के अलावा बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उनकी डाइट में ड्राई फ्रूट भी रखा जा सकता है. हम आज आपको ऐसे 6 ड्राई फ्रूट के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके बच्चों के विकास के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
पिस्ता बादाम:आपको बताये कि बादाम में भरपूर मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है, जिसको खाने से बच्चों की हड्डियों के साथ दांतों को भी मजबूती मिलती है,वहीं इसके सेवन से साथ इस ड्राई फ्रूट में मौजूद फ़ास्फ़रोस, पोटैशियम, मैग्नीशियम,विटामिन-ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स कैल्शियम और आयरन बच्चों के दिमाग के लिए फायदेमंद होता है.
अखरोट:आपको बताये कि अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा पाया जाता है, जो बच्चों के दिमागी विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
काजू: वहीं बच्चों को काजू भी दिया जा सकता है. काजू में मैंगनीज, जिंक, फाइबर, प्रोटीन, मैंगनीज, जिंक, कॉपर जैसे पोषक तत्व होते है, जो बच्चों के शारीरक विकास के साथ मानसिक विकास में मदद करते है. वहीं इसमें पाया जानेवाला ल्यूटीन और जैकी नाम का एंटीऑक्सीडेंट आंखों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं.
सूखी खुबानी: बच्चों को आप सूखी खुबानी भी दे सकते हैं. ये बच्चों की आंखों के लिए अच्छा माना जाता है.
किशमिश:किशमिश भी बच्चों को दिया जा सकता है, क्योंकि इसमे एंटीबैक्टीरियल गुण पाये जाते है. जो मुंह में बैक्टीरिया को कम करते है, जिससे कैविटी की परेशानी नहीं होती है. किशमिश पाचन शक्ति को भी मजबूत करता है.
एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें
आप अपने शिशु को 6 महीने के बाद 7 से 8 महीने का हो जाने पर सूखे मेवे का पावडर बनाकर दूध में मिलाकर दे सकते है, लेकिन आपको एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.