टीएनपी डेस्क(TNP DESK):डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसको 45 की उम्र के बाद कई लोगों को झेलनी पड़ती है. हर 10 में से 2 व्यक्ति डायबिटीज से ग्रसित हैं. डायबिटीज में खानपान के साथ लाइफस्टाइल का भी ध्यान रखना काफी जरुरी होता है. ये एक क्रॉनिक डिजीज होता है. इसे कभी जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है. लेकिन यदि आप अपने रहन-सहन में कुछ बदलाव करते हैं. तो जरूर आप इससे राहत पा सकते हैं.
मीठा पर कंट्रोल के साथ इन बातों पर भी दें ध्यान
डायबिटीज की बीमारी को लेकर आम लोगों में ये धारणा होती है कि यदि आप चीनी कम खाते हैं, तो आपका डायबिटीज कंट्रोल होता है. ये सही भी है. लेकिन पूरी तरीके से सही नहीं है. ब्लड शुगर में मीठी चीजों से परहेज करने के साथ-साथ कुछ ऐसी भी बातें हैं जिनको यदि आप ध्यान में रखते हैं. तो शायद आप नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं. ब्लड शुगर लेवल आपके रहन-सहन पर भी निर्भर करता है. शरीर में ब्लड शुगर के लेवल बढ़ाने के लिए डाइट के साथ कई और भी वजहे जिम्मेदार होती है. जिसके बारे में आज हम आपको बतायेंगे.
स्ट्रेस लेवल करता है शुगर को प्रभावित- स्ट्रेस किसी के भी शरीर के लिए खतरनाक होता है. यदि कोई शुगर का मरीज है तो उसके लिए ये और खतरनाक हो जाता है. इससे ब्लड शुगर पर बुरा असर पड़ता है. स्ट्रेस की वजह से हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है. जो शुगर लेवल को बढ़ा देता है.
8 घंटे की नींद- शुगर लेवल आपकी स्लीप साइकिल पर निर्भर करता है. जो शुगर के साथ शारीरिक प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करता है. यदि कोई डायबिटीज का मरीज रात को अच्छी नींद नहीं लेता है. तो नींद की कमी की वजह से उसके शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए आपको 8 घंटे की नींद लेना जरुरी है.
मेडिकेशन- यदि कोई ब्लड शुगर का मरीज कोई भी दवा बिना किसी डॉक्टर की सलाह की खाता है. तो वो उसके लिए खतरनाक होता है. इसकी वजह से आपका ब्लड शुगर लेवल पर काफी पूरा असर पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि कोई भी दवाई खाने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.
फिजिकल एक्टिविटी- बल्ड शुगर के मरीज को फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. लेकिन रेगुलर एक्सरसाइ से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में किया जा सकता है. एक्सरसाइज करते समय आपको कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है. डायबिटीज में बिना एक्सपर्ट के हैवी एक्सरसाइज करने से आपको ब्लड शुगर लेवल अचानक कम हो सकता है.
डिहाईड्रेशन- यदि शुगर का मरीज कम पानी पीता है तो डिहाईड्रेशन का शिकार हो सकता है. शरीर में पानी का कमी होने से ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है.इसलिए ज्यादा पानी पीना चाहिए.