टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बॉलीवुड के बिग बी यानी अमिताभ बच्चन आज अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर हर बार की तरह फैंस में अमिताभ बच्चन के जन्मदिन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया से लेकर फैंस उनके घर के बाहर तक जाकर बच्चन को बधाई दे रहे. इस खास मौके पर हम आपको अमिताभ बच्चन से जुड़ी वह कहानी बताने जा रहे हैं जिस कहानी ने उनकी जिंदगी बदल डाली. उस दर्दनाक हादसे की जिसमें बिग भी मरते मरते बचे. यह बात है आज से तकरीबन 41 साल पहले की जब फिल्म कुली के शूटिंग के दौरान अमिताभ को चोट लग गई थी जिस चोट ने उन्हें आईसीयू तक पहुंचा दिया था.
जानिए कैसे हुआ हादसा
26 जुलाई 1952 यह वही दिन है जब अमिताभ बेंगलुरु में ‘कुली’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. शूटिंग के दौरान एक फाइट सीन आया था जिसमें डायरेक्टर के मुताबिक अमिताभ को एक पंच मारना था और उन्हें टेबल के ऊपर जाकर गिरना था. सीन में अमिताभ को यह सजेशन भी दिया गया कि वह अपने बॉडी डबल के साथ इस सीन को करें. मगर अमिताभ ने ऐसा करने से मना कर दिया. वह चाहते थे कि यह सीन काफी रियल लगे इसलिए वह खुद इसे करना चाहते थे. फिर क्या सीन शुरू हुई लाइट कैमरा एक्शन होते ही जब शॉर्ट के लिए ओके कहा गया तभी टेबल पर गिरते वक्त इसका एक कोना अमिताभ के पेट में जा लगा. जिसमें उन्हें काफी दर्द हुआ. शुरू में तो ऐसा लगा की चोट कोई मामूली चोट है एक-दो दिन तक वह पेन किलर खा कर रहे. मगर इसके बावजूद जब दर्द कम नहीं हुआ तो अमिताभ ने डॉक्टर से दिखाया पहले जांच में तो डॉक्टर भी यह नहीं समझ पाए कि आखिरकार उन्हें हुआ क्या है मगर जब दूसरी बार एक्सरे कराया गया तो डॉक्टर को एक ऐसी चीज नजर आए जिससे वह भी चौक गए.
रिपोर्ट देख चौक गए डॉक्टर
अमिताभ के इस एक्सरे में डायाफ्राम के नीचे एक गैस दिखाई दे रहा था जो टूटी हुई आत से ही आती थी. बाद में तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया और फिर डॉक्टर ने उसे देखते हुए तुरंत सलाह दिया की पेशेंट को यानी अमिताभ बच्चन को उसी वक्त तुरंत ट्रीट करना बहुत जरूरी है. हालांकि उनके इस समस्या को समझने में इतनी देर हो चुकी थी की बॉडी में पूरा इंफेक्शन फैल चुका था अमिताभ को तेज बुखार हो गया था और वह बार-बार उल्टियां भी कर रहे थे धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी. उनकी धड़कन 72 की जगह 180 के स्पीड में चलने लगी और अंत में वह कोमा में चले गए थे. जब ऑपरेशन किया गया तो देखा गया कि उनके पेट की झिल्ली जो आपकी पेट के अंदर के अंगों को जोड़ी रखती है वह फट चुकी थी इतना ही नहीं छोटी आंत भी फट गई थी. इस स्थिति में डॉक्टर भी चौंक गए कि कैसे कोई व्यक्ति दो-तीन दिन तक इस दर्द को बर्दाश्त कर सकता है आमतौर पर तीन-चार घंटे भी ऐसे झेलना काफी मुश्किल है.
प्रशंसकों को किया शुक्रिया
अमिताभ बच्चन की जान बचाने के लिए डॉक्टर जुट गए ऑपरेशन किया गया उस वक्त अमिताभ पहले से ही कई बीमारियों से जूझ रहे थे. जैसे कि उन्हें अस्थमा, पीलिया और डायबिटीज भी था. जिसकी वजह से किडनी भी खराब हो चुकी थी. बात यहीं तक नहीं रुकी ऑपरेशन के अगले ही दिन बिग बी को निमोनिया भी हो गया और यह जहर उनके पूरे शरीर में फैल गया. निमोनिया की वजह से उनका खून पतला हो गया और इमीडियली बच्चन को खून की जरूरत थी. जब इस बात की जानकारी उनके फैंस को पड़ी तो कई लोग बच्चन को ब्लड डोनेट करने पहुंच गए लोगों की कगार लग गई. ब्लड को मुंबई से मंगाया गया. खून चढ़ाने के बाद थोड़ी स्थिति में सुधार जरूर हुआ मगर यह खुशी बस कुछ पल की थी 29 जुलाई को फिर से उनकी स्थिति काफी खराब हो गई. किसी तरह डॉक्टर ने उन्हें संभाला उसके बाद से लेकर तुरंत एक मीटिंग रखी गई जिसमें डॉक्टर द्वारा यह तय किया गया कि उन्हें मुंबई ले जाना काफी जरूरी है जहां उन्हें बेहतर सुविधा मिल सके और इलाज भी बेहतर हो पाए आखिरकार डॉक्टर के फैसले के बाद एयरबस के जरिए अमिताभ को मुंबई लाया गया. जहां काफी समय तक उनका इलाज चलता रहा. इतने दिनों के लंबे इलाज के बाद लोगों की दुआओं से अमिताभ बच्चन ठीक होने लगे. अमिताभ बच्चन ने ठीक होने पर अपने फैंस को काफी धन्यवाद दिया और धन्यवाद देते हुए उन्होंने तब कहा था कि जिंदगी और मौत के बीच एक भयावाह अग्नि परीक्षा थी जिसकी लड़ाई मैं खत्म कर चुका हूं 2 महीने का अस्पताल प्रवास और मौत की लड़ाई अब खत्म हो चुकी है. वहीं अमिताभ ने अपने घर के बाहर खड़े करोड़ों फैंस को हाथ हिलाकर शुक्रिया किया.