टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : किसी भी फिल्म में कई सारे सीन्स होते हैं, जैसे ड्रामा, एक्शन, रोमांटिक और हर सीन को करना जितना मुश्किल होता है उतना ही मुश्किल एक इंटीमेट सीन को भी करना होता है. कई मूवी में बोल्ड और इंटिमेट सीन बनाए जाते हैं जो भले कैमरा में काफी आसान दिखता है मगर बिहाइंड द सीन उसे शूट करने में काफी दिक्कत आती है. कई एक्ट्रेसेस इस शूट को करते वक्त कंफर्टेबल नहीं फील करती और ऐसे में कई गड़बडियो की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बॉलीवुड एक्ट्रेस ने इंटरव्यू के दौरान इस बात को खुलकर सामने रखा है कि ऐसा कई बार होता है कि उन्हें इंटीमेट सीन करते वक्त काफी परेशानी होती है और मेंटल ट्रॉमा से भी गुजरना पड़ता है. मगर अब और ऐसा नहीं होगा, क्योंकि पिछले कुछ समय से पश्चिम की तरफ भारत में भी इंटिमेसी को ऑर्डिनेटर का ट्रेंड चल पड़ा है. जिसकी मदद से उन्हें इंटीमेट सीन करने में आसानी होगी.
ऐसे पड़ती है इंटिमेट कोऑर्डिनेटर की जरूरत
इंटिमेट कोऑर्डिनेटर का काम होता है कि वे दो कैरेक्टर्स के बीच गार्ड की तरह रहें,और एक्ट्रेस की असहयोगता और हिचक को खत्म करते हैं. इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर फिल्म यूनिट का एक हिस्सा होते हैं जो मूल रूप से एक्टर परफॉर्मर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के बीच की बातचीत को क्लियर करवाते हैं. वही वो सुनिश्चित करते हैं की फिल्म में अगर कोई इंटिमेट या सेंसिटिव सीन हो तो वो एक सही तरीके से है और कायदे की तरह उसे शूट किया जाए.
एक्टर्स की मंजूरी जरूरी
इसे हैंडल्स करने के लिए सबसे बड़ा रूल ये है की एक्ट्रेस की हां या ना को हमेशा दिमाग में रखा जाए. जो भी सीन हो वो शूट करने वाले हैं उसमें एक्टर का कंफर्ट लेवल और राजामंदी होगा सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर वो नहीं करना चाहते या करने में संकोच रखते है तो उनपर कोई दबाब नहीं डाला जाएगा.
कैसे किया जाता है शूट
इंटिमेट कोऑर्डिनेटर के सहायता से शूट के दौरान काफी क्लोज सेट बनाया जाता है. उसे क्लोज सेट पर पांच से आठ लोग ही होते हैं. उससे ज्यादा नहीं ताकि वहां का माहौल सेफ रहे और किसी भी प्रकार की कोई हिचकिचाहट ना हो. फिर कैमरे के साथ रिहर्सल करते हैं जिससे ड्राई रिहर्सल बोला जाता है. ऐसे रिहर्सल से एक्टरस को फाइनल टेक देने में आसानी होती है.
एक्टर्स एक दूसरे को बोलते हैं थैंक यू
इस प्रकार की इंटीमेट सीन को शूट करते वक्त इंटिमेट कोऑर्डिनेटर के एक और नियम है जिन्हें कलाकारों को फॉलो करना पड़ता है. वो ये है कि जब सम्मान के साथ पूरा सीन शूट हो जाता है तो एक्टर्स एक दूसरे को थैंक यू बोलते हैं और उसके बाद फिर सीन बंद कर दिया जाता है. इससे दोनों कलाकारों के बीच में कोई असहजता नहीं होती है और फिर दोनों इसके बाद एक कंफर्ट के साथ बाहर निकलते हैं