टीएनपी डेस्क (TNP DESK): बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बासु भले ही फिल्मी दुनिया से दूर है मगर वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है और अक्सर अपने पर्सनल लाइफ से रिलेटेड चीज लोगों के साथ शेयर करती रहती है. हाल ही में बिपाशा बसु मां बनी उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया था. 43 साल की उम्र में बिपाशा बसु के जिंदगी में खुशियां आई. एक्ट्रेस ने बेटी का नाम देवी बासु सिंह ग्रोवर रखा. शादी के इतने साल बाद बच्चा होने की जहां एक तरफ उन्हें खुशी थी वहीं दूसरी तरफ एक बड़ा पहाड़ उन पर टूट पड़ा था. जिसके बारे में बिपाशा ने खुलासा किया है. बिपाशा ने बताया कि उनकी बेटी वेंट्रीकुलर सेप्टल डिफेक्ट से पीड़ित है. यह बात उन्हें तब पता चली जब उनकी बेटी मात्र 3 दिन की थी. जिसके बाद जब वो दो-तीन महीने की हुई तो उसकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई. इस बात को बिपाशा ने नेहा धूपिया से इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान बताया. इसे बताते हुए बिपाशा काफी रो पड़ी.
छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सर्जरी
बिपाशा बसु ने इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान बताया कि किस तरह उनके लिए वह दौर मुश्किल भरा था. उन्होंने कहा कि मैं कभी नहीं चाहूंगी कि किसी मां-बाप को ऐसा दिन देखना पड़े जहां उनकी छोटी सी बेटी इतनी कम उम्र में इतने बड़े सर्जरी से गुजर रही थी. एक मां के लिए यह बहुत मुश्किल है कि जब आपको पता चलता है कि आपकी बेटी के दिल में दो छेद है. मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं इस बात को किसी के साथ शेयर करूंगी लेकिन मैं इसे शेयर कर रही हूं. मुझे लगता है कि बहुत सारी माँ हैं जिन्होंने इसमें मेरी मदद की है और उन माताओं को ढूंढना बहुत मुश्किल था. वो दौर ऐसा था कि हम इस बात की खुशी भी नहीं बना पा रहे थे कि हम पेरेंट्स बने है. मुझे उस वक्त अपनी बेटी के लिए काफी स्ट्रांग होना पड़ा था और मुझे यकीन था कि मेरी बेटी ठीक हो जाएगी.
यह 5 महीने बहुत मुश्किल थे- बिपाशा बसु
बिपाशा बसु ने नेहा धूपिया से बातचीत करने के दौरान बताया कि हमारी जर्नी किसी भी आम मां-बाप से बहुत अलग रही. यह उस मुस्कान से कई गुना ज्यादा मुश्किल है जो अभी मेरे चेहरे पर है. शुरुआत में जब हमें इस बारे में पता चला था कि हमारी बेटी बीमार है तो हमें तो यह तक नहीं पता था कि बीएसडी आखिर होता क्या है. हम दोनों काफी डरे हुए थे. मैं एक तरफ कुछ समझ नहीं पा रही थी वहीं दूसरी तरफ कारण भी सुन्न पड़ गए थे. हमारे लिए यह 5 महीने बहुत मुश्किल थे. हमें हर महीने स्कैन के लिए जाना पड़ता था कि क्या उसकी बीमारी ठीक हो रही है या नहीं. लेकिन जिस तरह डॉक्टर ने बताया कि उसके दिल का छेद काफी बड़ा है तो हमें इसकी सर्जरी करानी होगी. डॉक्टरों की बात मानते हुए मैंने अपने बच्चों की तीसरे महीने में ही सर्जरी कराई. अब जाकर हम पिछले 3 महीने से थोड़ा नॉर्मल है.