टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 26 नवंबर का दिन भारतीय इतिहास में दो बातों के लिए हमेशा याद किया जाता है. पहली चीज ऐसी थी जिसने हर भारतीय को एक नागरिक होने का दर्जा दिया. क्योंकि 26 नवंबर 1949 को भारत ने भारतीय संविधान को अपनाया. इसके चलते देश में सभी नागरिकों को अधिकार मिले. वहीं जो दूसरी घटना है उसे कोई भारतीय दोबारा होता कभी नहीं देखना चाहेगा. मगर, ये वो दर्द है जो बार-बार कुरेद दिया जाता है या याद दिला ही दिया जाता है. हम बात कर रहे हैं 26/11 मुंबई हमले की. जिसमें करीब 160 से ज्यादा बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इसके अलावा हजारों लोग घायल हुए थे. दरअसल 26/11, 2008 के दिन मुबंई में सबकुछ सामान्य चल रहा था. लोग घूम रहे थें, दुकानों में खरीदारी चल रही थी. लेकिन जैसे-जैसे शाम ढ़लती गई मुबंई की सड़कों पर खून, एंबुलेंस और चीख पुकार की आवाजें बढ़ती गई. पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई की धरती को बेगुनाहों की धरती को खून से लाल कर दिया. इसमें कई पुलिसवाले भी शहीद हुए. मगर, इस आतंकियों की इस कारिस्तानी के बीच हमें हमारे सैनिकों और जवानों का एक अलग ही हौसला और बहादुरी भी देखने को मिली. जिसकी बदौलत सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया, उसमें से एक आतंकवादी को जिंदा भी हमारे जवानों ने पकड़ा.
मगर, ये घटना कितना दिल दहलाने वाला था, इसे पढ़ने से या सुनने से कहीं ज्यादा आप इसे देख कर समझ सकते हैं. हम बात कर रहे हैं फिल्मों में देखने की. 26/11 मुंबई अटैक पर तो बहुत सारी फिल्में बनी. लेकिन कुछ फिल्में ऐसी बनी जो आपको रोने पर मजबूर कर देंगी. आपसे फिल्म नहीं देखा जाएगा. आप उस घटना को फिल्म में देखकर इतने दहल जाएंगे कि आप वास्तव में घटना कैसी रही होगी, इसका अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे. हम आपको आज ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताएंगे.
मुंबई हमले पर बनी कुछ फिल्में
1. The attack of 26/11 : यह फिल्म नाना पाटेकर के बेहतरीन अभिनय के लिए तो याद की ही जाएगी. लेकिन 26/11 के खौफनाक मंजर को दिखाने में भी ये फिल्म कामयाब रही है. कसाब से पूछताछ का सीन हो या अचानक आतंकवादियों के हुए हमले का, इस फिल्म में बहुत ही बारीकियों से दिखाया गया है.
2. Hotel Mumbai : Hotel मुंबई में देव पटेल लीड रोल में हैं. इस फिल्म का मुख्य फोकस आतंकवादियों के हमले पर तो है ही. मगर, इससे ज्यादा यह फिल्म हमें हमले के वक्त ताज होटल के अंदर का क्या माहौल था. कैसे लोग डरे सहमें थे. कैसे होटल के कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर गेस्ट को बचाने की कोशिश की. ये उसकी कहानी बयां करती है.
3. Major : इसी साल आई फिल्म मेजर हमें NSG कमैन्डो की वीरता दिखाती है. जब ताज होटल पूरी तरह से आतंकियों के कंट्रोल में था. होटल में घुसना तक मुमकिन नहीं था. होटल के अंदर लोग कहां छुपे हुए हैं, ये भी नहीं पता था, फिर भी कमैन्डो होटल में घुसते हैं. अपनी जान की परवाह किये बगैर वे लोगों को बचते हैं, आतंकवादियों से लड़ते हैं और फिर उसमें से कई जवान शहीद भी हो जाते हैं. फिल्म मेजर ऐसे ही शहीद मेजर संदीप उनीकृष्णन की कहानी बयां करती है.
4. Tajmahal – ताजमहल फिल्म भी 26/11 को हुए होटल ताजमहल में आतंकवादी हमले को दिखाती है. यह फिल्म एक विदेशी फिल्म है. इस फिल्म की कहानी एक विदेशी लड़की की है जो ताजमहल होटल में आई हुई थी और उसी समय हमला हो जाता है. होटल के अंदर उसने वो पल कैसे काटे, फिल्म उसी को दिखाती है.