पटना(PATNA):भारत रत्न से सम्मानित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की आज 37वीं पुण्यतिथि है, जिसको लेकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा कार्यालय में राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के याद करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर हमेशा दबे कुचले लोगों के साथ खड़े रहते थे.हमेशा गरीब तबके का विकास कैसे हो इसके बारे में सोचा करते थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को यादगार बनाने के लिए उनको भारत रत्न देकर सम्मान देने का काम किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी के प्रति शुक्रगुजार हैं और रहेंगे.
बिहार की हो रही है तरक्की
वहीं केंद्रीय बजट को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार की तरक्की हो रही है. पटना के बिहटा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है. जो आनेवाले समय में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम से रखा जाए. राज्यसभा में मैंने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के सामने रखा है. सिर्फ मैंने प्रस्ताव नहीं रखा है इस कार्य को पूरा किया जाए इसके लिए मैं काम भी करूंगा. बिहार के सभी दलों के नेताओं से मेरी अपील है कि कर्पूरी ठाकुर के लिए मेरे इस मुहिम साथ दे.ये कोई दल की महिम नहीं है. यह बिहार के लिए यह मांग किया जा रहा है.आरक्षण हो या जातीय गणना सभी दलों ने समर्थन किया था.लालू प्रसाद यादव को कर्पूरी ठाकुर ने अपना आशीर्वाद दिया था. मगर लालू प्रसाद यादव ने उस आशीर्वाद को जनता के साथ अन्नय के लिए उपयोग किया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा लालू प्रसाद यादव ने करोड़ों लोगों के भावना को पहुंचाया है ठेस
वहीं कुंभ को लेकर लालू प्रसाद यादव के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने पटवार करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव हर बात को लेकर राजनीति करना चाहते हैं.करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है कुंभ. लालू प्रसाद यादव का बयान ने करोड़ों लोगों के भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया है.लालू प्रसाद यादव ने जो बयान किया है उस पर मुकदमा भी हो सकता है.हमारा संविधान कहता है कि किसी के धर्म और भावना पर बयान नहीं देना चाहिए.वहीं दिल्ली रेल हादसे मामले पर केंद्र सरकार का बचाव करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दिल्ली में जो रेल हादसा हुआ मैं उससे काफी दुखी हूं. दिल्ली में जो घटना हुई किस कारण से घटना हुई इस पर बयान देना आसान होता है.मगर घटना की जांच होने के बाद ही घटना का पता चल सकता है.