पूर्णिया (PURNIA) : पूर्णीया के डॉक्टर राजेश पासवान पर जानलेवा हमला के बाद आई एम ए ने सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया है. जिसके बाद अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद है. मरीजों के लिए सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई है. इसका असर पूर्णिया में ही नही बल्कि पूरे बिहार में देखने को मिल रहा है. बक्सर में भी इसका असर साफ देखने को मिल रहा है. जहां डॉक्टरों ने हड़ताल किया है.
जिले में दलालों के कारण डॉक्टर पर हमला
इस मामले को लेकर जिला सचिव डॉक्टर विकास कुमार का कहना है कि 17 नवंबर को डॉ राजेश पासवान पर जानलेवा हमला हुआ. जिस कारण उन्हें इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया गया है. उन्होंने कहा कि जिले में दलालों के कारण आए दिन डॉक्टर पर हमला होता है. जिसमें अच्छे डॉक्टर भी रपेटे में आ रहे है. सरकार से उन लोगों की मांग है कि डॉक्टरों को सुरक्षा दे नहीं तो वे लोग आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
चिकित्सकों को सुरक्षा देने की मांग
एक तरफ ओपीडी सेवा बाधित होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ आईएमए में एक बैठक कर चिकित्सकों पर हमले की निंदा की और प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है. आईएमए के अध्यक्ष डॉ ए के सिन्हा ने कहा कि सरकार को चिकित्सकों को सुरक्षा देनी चाहिए अगर ऐसा नहीं हुआ तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
जानिए क्या है पूरा मामला
इस घटना के बारे में बता दें कि राजेश पासवान के क्लीनिक में एक मरीज की मौत हो गई थी. जिस पर मृतक के परिजन काफी आक्रोशित हो गए थे. जिसके बाद उन लोगों ने डॉक्टर राजेश पासवान की बुरी तरह पिटाई कर दी गई थी. इस दौरान सौ से अधिक लोगों की उग्र भीड़ ने डॉक्टर पर भी जानलेवा हमला किया था. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हैं. इस मामले में खजांची हाट थाना में 10 नामजद और 100 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.