औरंगाबाद(AURANGABAD): रामनवमी पर रोहतास जिले में उपद्रव के बाद सासाराम में 2 अप्रैल को भाजपा द्वारा आहुत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली को स्थगित किये जाने को लेकर राजनीति तेज हो गई. इसे मामले में औरंगाबाद के भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. सुशील सिंह ने शनिवार की दोपहर अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर कहा कि बिहार सरकार ने रोहतास में उपद्रवियों पर कोई कार्रवाई नही की. स्थिति को जान बूझकर ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है.
बनावटी तनाव बनाकर इलाके में लागाया गया धारा 144
सुशील सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा बनावटी तनाव बनाकर इलाके में धारा 144 लगाया है. सरकार द्वारा इलाकें में इंटरनेट बंद कराया ताकि यहां स्थिति बेहद तनावपूर्ण लगे. इसके पीछे राज्य सरकार का एकमात्र उदेश्य केवल यह था कि गृहमंत्री अमित शाह की रैली को रद्द कराया जाए. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा कानून का सम्मान करती है और उपद्रव का ठीकरा भाजपा जदयू पर न फोड़ पाएं, इसके लिए पार्टी ने मजबूरी में सासाराम में आयोजित सम्राट अशोक जयंती समारोह को स्थगित कर दिया.
उपद्रव की आड़ में रैली कराया गया रद्द
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश की पहचान जिन महान विभूतियों से है, उनमें एक सम्राट अशोक भी है. देश में सम्राट अशोक के तीन स्मारक है. इनमें एक सासाराम में भी है. सासाराम के इस स्मारक को असामाजिक तत्वों ने घेर लिया था. स्मारक को चादर से ढ़क दिया था. वहां ताला भी लगा दिया था. भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था. आंदोलन किया था, धरना दिया था. तब जाकर सम्राट अशोक का यह स्मारक असामाजिक तत्वों से मुक्त हुआ. राज्य सरकार को यह लग रहा था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब सासाराम में सम्राट अशोक जयंती समारोह में आएंगे तो इस पर चर्चा होगी. राज्य सरकार की गलत नीतियों का पर्दाफाश होगा. राज्य सरकार इस क्रार्यक्रम से घबरा गई. इसी वजह से राज्य सरकार ने कार्यक्रम को स्थगित कराने के लिए उपद्रव का बहाना लिया. इस कार्यक्रम में अतिपिछड़ा वर्ग के बड़े नेता प्रमोद चंद्रवंशी भाजपा में शामिल होनेवाले थे. इस वजह से भी राज्य सरकार घबरा गई और भाजपा के कार्यक्रम में व्यवधान डलवाया गया लेकिन इस तरह का व्यवधान डलवाने से जदयू को कुछ हासिल नही होनेवाला है. ऐसे कुकृत्यों से जदयू का सफाया निश्चित हो गया है. जदयू द्वारा भाजपा के खिलाफ की जा रही साजिश से जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस तरह के कृत्यों से जदयू को कोई फायदा नही होने जा रहा है बल्कि ऐसा कर जदयू ने अपने राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है.
हिंदू होना और हिंदू पर्व त्योहार मनाना गुनाह हो गया
सांसद ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर बिहार में जहां कही भी उपद्रव हुआ है, वहां राज्य सरकार ने उपद्रवियों पर कोई कार्रवाई नही की है. उल्टे एक समुदाय पर कार्रवाई की है. कहा कि वर्तमान में बिहार में हिंदू होना और हिंदू पर्व त्योहार मनाना गुनाह हो गया है. राज्य में कई जगह रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई पर यह अनुमति नही दी गई. प्रदेश में हिंदू होना अपराध हो गया है. सनातनी परंपरा को गलत कहा जा रहा है. आस्था का साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसका नतीजा बिहार सरकार को भुगतना होगा. भाजपा राज्य सरकार के कुकृत्यों का पर्दाफाश करेगी क्योकि जन भावनाओं और आवाज को दबाना लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है. जनता इसका जवाब देगी.