बिहटा(BIHTA): बिहार में इन दिनों राजद कोटे से बनाए गए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस के विवादित बयान पर बिहार में राजनीति गरमा गई है. विवादित बयान को लेकर विपक्षी दल के भाजपा कोटे के विपक्षी नेता विजय कुमार सिन्हा हो या सम्राट चौधरी या अन्य कोई लगातार बयानबाजी और करवाई करने का मांग कर रहे हैं. तो इसी बीच सत्तारूढ़ दल के जदयू कोटे से एमएलसी सह पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि एक शिक्षा मंत्री को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए और बयान काफी निंदनीय है. इस बयान को लेकर तेजस्वी यादव को कार्रवाई करने की जरूरत है. तेजस्वी यादव खुद समझदार व्यक्ति है और बिहार के उपमुख्यमंत्री भी हैं तो इस तरह का बयान देना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. रामचरितमानस काफी पवित्र है और इसे सभी लोग सम्मान देते हैं.
बिहार के शिक्षा मंत्री का क्या था बयान?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धर्म पुस्तक रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है. उनके इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया.
उन्होंने कहा, "मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई गालियां दी गई थीं. रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं. "