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अमित शाह और उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा, कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने के लग रहे कयास

अमित शाह और उपेन्द्र कुशवाहा की मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा, कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने के लग रहे कयास

टीएनपी डेस्क(TNP DESK):बिहार के नेता सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. जिसके बाद सियासी बाजार गर्म हो चुका है. लोग उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने के कयास लगा रहे हैं. जेदयू पार्टी से अलग होकर उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी पार्टी में शामिल नहीं होकर होकर अपनी ही पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया था. लेकिन जिस तरह से 45 मिनट तक अमित शाह और उपेन्द्र कुशवाहा की लंबी बातचीत हुई. लोग बस अंदाजा ही लगा रहे हैं. अब किस मुद्दे पर इतनी देर बातचीत हुई. इसकी जानकारी किसी को नहीं है. उपेन्द्र कुशवाहा ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है.

2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए के चुनाव लड़ चुके हैं

इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. जिसमें उन्हें बीजेपी की ओर से तीन सीटें दी गई थी. और तीनों सीटों पर कुशवाहा की पार्टी ने दमदार जीत हासिल की थी. इस़की वजह से 2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह भी मिली थी. लेकिन कुछ आपसी असहमति की वजह से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से उपेन्द्र कुशवाहा से किनारा कर लिया था. लेकिन जिस तरह से गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. ऐसा लगता है बीजेपी और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच 2024 लोकसभा चुनाव में पैचअप हो जायेगा.

पीएम मोदी की तारीफ करते नहीं थक रहे उपेन्द्र कुशवाहा

अमित शाह से मुलाकात की बात पर उपेन्द्र कुशवाहा इन दिनों पीएम मोदी की तारीफों में कसीदे पढ़ते नहीं थक रहे हैं.पीएम की तारीफ करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी का कोई मुक़ाबला करनेवाला मैदान में नहीं है.वहीं बिहार की मोतीहारी में हुए ज़हरीली शराब से हुई मौत के बाद परिजनों मुआवज़ा देने के सरकार फ़ैसले को लेकर भी खड़ा किया हैं. और कहा है कि नीतीश कुमार हमेशा अपने संकल्प के बाद उसको तोड़ते है. शराबबंदी को लेकर मुआवज़ा देने का फ़ैसला हो या शिक्षक नियोजन को लेकर नीति का. शिक्षक बहाली को लेकर पहले भी कई बार सुझाव दिया था. लेकिन अब जाकर उसको लागू किया गया है.

इससे पहले जीतनराम मांझी ने गृह मंत्री से की थी मुलाकात 

आपको बताये कि बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी नेता बौखलायें हुए हैं. सब अपनी-अपनी राजनीतिक समीकरण सेट करने में लगे हुए हैं.बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने भी बीते 13 अप्रैल को दिल्ली जाकर गृहमंत्री अमिस शाह से मुलाकात की थी. और इसे शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया था.अब एक बात से लोग हैरान हो रहे हैं कि आखिर सबको एक के बाद एक ही क्यों शिष्टाचार मुलाकात करने की जल्दी लगी है. क्या बिहार में दलित नेता विपक्षी एकता को छोड़ बीजेपी के साथ अपना नया समीकरण बनाने की तैयारी में लगे हैं.

कुशवाहा के बीजेपी में शामिल होने से जातीय समीकरण होगा मजबूत 

आपको बताये कि बीते साल 2022 में ही बिहार में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सम्राट चौधरी को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था.जो कुशवाहा समाज से आते है.तो इसके बाद यदि उपेन्द्र कुशवाहा बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनको उतना भाव नहीं मिलेगा.जितना पहले शामिल होने पर मिलता.लेकिन फिर उपेन्द्र कुशवाहा के बीजेपी में सामिल होने से बिहार में जातीय समीकरण मजबूत होगा. क्योंकि बिहार में ओबीसी वोट बैंक में यादवों के बाद ज्यादा जनसंख्या कुर्मी-कोइरी समाज के लोगों का है. बिहार में यादवों की आबादी लगभग 15 प्रतिशत है. तो कुर्मी-कोइरी की लगभग 7 प्रतिशत आबादी है.जिससे आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका बहुत फायदा मिलेगा.

रिपोर्ट- प्रियंका कुमारी

Published at:21 Apr 2023 03:10 PM (IST)
Tags:Political mercury rises after the meeting of Amit Shah and Upendra Kushwaha there are speculations about Kushwaha joining NDA.
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