पटना(PATNA): आज कल बिहार की सियासत बंगले को लेकर गरमाई हुई है,तीन महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी बीजेपी के मंत्रियों ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है. भवन निर्माण विभाग ने सभी मंत्रियों को बंगला खाली करने का नॉटिस दिया है. साथ ही दोनों पूर्व उपमुख्यमंत्री को जुर्माना भी लगाया है.
10 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने एनडीए की सरकार से इस्तीफा दे दिया. बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई लेकिन अभी तक बीजेपी के ज्यादातर मंत्रियों ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है. अब भवन निर्माण विभाग ने सभी को बंगला खाली करने का नॉटिस थामा दिया है. साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पर समय से बंगला नहीं खाली करने पर 2 लाख का जुर्माना भी लगा दिया है.
तस्वीर में आप उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद का बंगला देख सकते हैं. ये अभी तक खाली नहीं हुआ है जबकि सरकार ने इसे वर्तमान उपमुख्यमंत्री के लिए आवंटित किया है. लेकिन खाली नहीं होने के कारण तेजस्वी यादव शिफ्ट नहीं कर पा रहे हैं.
उसी तरह से यह आलीशान बंगला देखिए ये है उपमुख्यमंत्री रेणु देवी यह भी अभी तक खाली नहीं हुआ है.
इस बंगले को देखिए यह बंगला है विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय सिन्हा का.इन्होंने भी अभी तक बंगला खाली नहीं किया है.
अब इस बंगले को देखिए यह बंगला है पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का. इन्होंने भी अभी तक बंगला खाली नहीं किया है.
नियम के अनुसार बीजेपी के सभी मंत्रियों को 2 महीने तक अपना सरकारी बंगला खाली कर देना चाहिए. अगर बंगला खाली नहीं हुआ है तो यह नियम के खिलाफ है और मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी है बंगला को खाली करवाना. इसके अलावा चाहे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन,पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह ही क्यों ना हो किसी ने अपना बंगला खाली नहीं किया है. अब भवन विभाग का नॉटिस और पूर्वमुख्यमंत्री के जुर्माना के बाद बीजेपी गुस्से में आ गई है. सबसे ज्यादा परेशानी राजद के मंत्रियों के साथ है. क्योंकि जेडीयू के तमाम मंत्री पहले से ही अपने आलिशान बंगला में रह रहे हैं. आरजेडी के 11 मंत्री इस बात को लेकर नाराज हैं कि बीजेपी के मंत्रियों से बंगला क्यों नहीं खाली कराया जा रहा है.राजद अब बीजेपी को उसकी नीति और सिद्धांत याद दिला रही है.
मंत्री चाहे किसी भी पार्टी के हो,वो समाज के लिए एक आदर्श होते है. मंच पर ये सभी बड़ी बड़ी बातें करते है लेकिन जब खुद पर आती है तो ना लालच कुर्सी की खत्म होती है और ना ही बंगले की. बहरहाल जो दिख रहा है उससे तो यही लगता है की सरकार में चाहे कोई भी रहे,विपक्ष में चाहे कोई भी बैठे लेकिन बंगले का मोह खत्म नहीं होता है.