पटना(PATNA):बिहार का शिक्षा विभाग इन दिनों स्कूलों में छुट्टियों को लेकर सुर्खियों में है. आज 2024 के लिए छुट्टियों की सूची जारी की गई है. जिसको लेकर विभाग चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि विभाग की ओर से जारी इस छुट्टियों की सूची में हिंदुओं के कई पर्व की छुट्टियों को खत्म कर दिया गया है.अब बिहार में अगले साल स्कूलों में रक्षाबंधन, मकर सक्रांति की छुट्टियां नहीं मिलेंगी. वहीं तीज, जिउतिया और गांधी जयंती की छुट्टी भी खत्म कर दी गई है.
विभाग की ओर से गर्मी, ईद-बकरीद और मुहर्रम की छुट्टियों में इजाफा किया है
वहीं विभाग की ओर से गर्मी, ईद-बकरीद और मुहर्रम की छुट्टियों में इजाफा किया है, तो वहीं दिवाली और छठ की छुटि्टयां भी कम कर दी गई हैं.जिसके बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अल्टीमेटम देते हुए तुरन्त इस फैसले वापस करने की मांग की है. वही सुशील मोदी ने इस फैसले को हिंदू विरोधी बताया है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस फैसले को तुगलकी और तानाशाही कहा है
आपको बताये कि शिक्षा विभाग की ओर से घोषित अवकाश कैलेंडर में महाशिवरात्रि, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, रक्षा बंधन, राम नवमी, जानकी नवमी, मई दिवस, गांधी जयंती, गुरुनानक जयंती, हरितालिका तीज, जीवित पुत्रिका वृत, अनंत चतुर्दशी, श्रीकृष्ण सिंह जयंती, सम्राट अशोक अष्टमी, जानकी नवमी, रमजान का अंतिम जुमा, चित्रगुप्त पूजा पर छुट्टी नहीं होगी.बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस फैसले को तुगलकी और तानाशाही कहा है.
पढ़ें शिक्षा विभाग ने क्या कहा है
वहीं शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि अवकाश तालिका को जारी करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि 'शिक्षा का अधिकार अधिनियम' (RTE) के तहत तय बाध्यता का पालन किया जाएगा. प्रारंभिक विद्यालयों में कम से कम 220 दिन अध्यापन हो.सत्ता पक्ष की माने तो विभाग का फैसला बिल्कुल सही है क्योंकि बच्चों की पढ़ाई ज्यादा जरूरी है,छुट्टी नहीं.