हाजीपुर (HAZIPUR) : बिहार के हाजीपुर से सरकारी अस्पताल की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जिसने मेडिकल व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव अस्पताल की विधि व्यवस्था को लेकर पूरा चौकस रहते हैं. अक्सर वे अस्पतालों का निरीक्षण करते भी देखे जाते हैं. लेकिन वहीं बिहार के हाजीपुर में एक ऐसा अस्पताल है जहां मरीजों के हाथ पैर को रस्सियों से बाँध कर इलाज किया जा रहा है. इस तस्वीर के सामने आते ही हर कोई हैरान हैं. अब जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है पूरा मामला
सोनपुर थाने की पुलिस ने बीते 02 मई को नशा खुरानी के शिकार एक युवक को बेहोशी की हालत में हाजीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नशा खुरानी का शिकार युवक आधे अधूरे नशे की हालत में था तो अस्पताल कर्मियों ने अपनी सुविधा के लिए इस मरीज को रस्सियों से बांध दिया और बेड पर पटक दिया. पिछले 3 दिनों से युवक इसी हालत में अस्पताल में पड़ा हुआ है. युवक बंधी हालत में ही अस्पताल में इधर-उधर घिसटता और जमीन पर रेंगता देखा जा रहा है.
सवाल किए जाने पर मिला ये जवाब
इस मरीज को लेकर जब सवाल हुआ तो अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने दलील दी कि युवक इधर-उधर भागने लगता है और इससे बाकी मरीजों को परेशानी होती है, इसलिए इस मरीज को रस्सियों से बांधकर रखना पड़ रहा है. अस्पताल कर्मियों ने दलील दी कि युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त दिखता है और इसके इलाज के लिए मेंटल डॉक्टरों को रेफर कर दिया गया है.
ऐसे किसी मरीज की कोई जानकारी
3 दिनों से अस्पताल में बंधे हुए हालत में पड़े मरीज को लेकर जब सदर अस्पताल हाजीपुर के मेंटल विभाग के डॉक्टरों से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ऐसे किसी मरीज की कोई जानकारी नहीं दी गई है. मानसिक रोग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अगर उन्हें ऐसे किसी मरीज की जानकारी दी जाती तो रस्सियों से बाँधने की बजाय, उसके बेहतर इलाज का प्रबंध करवा देते हैं. इन शर्मनाक तस्वीरों और अस्पताल कर्मियों के दलील और सफाई से साफ जाहिर होता है कि इलाज के नाम पर आने वाले मरीजों से स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारी किस तरीके का अमानवीय व्यवहार करते हैं और इलाज के नाम पर खानापूर्ति का कोराम पूरा करते हैं.