पटना (PATNA) : राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर लगातार पलटवार हो रहे हैं. कांग्रेस के समर्थन में अन्य कई दल भी सामने आ गए हैं. एक तरफ पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने इसपर नाराजगी जताई तो दूसरी तरफ ललन सिंह ने भी इस मामले में आपनी बात रखी है. मुकेश सहनी ने कहा कि यह मामला इतना बड़ा नहीं था. अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाने के बाद आनन फानन में 12 घंटे के अंदर जिस तरह से लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई उसकी जरूरत नहीं थी. न्यायपालिका को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था.
मैं फैसले से असहमत हूं- मुकेश सहनी
मुकेश सहनी ने राहुल गांधी पर हो रही ऐसी कारवाई पर अपनी असहमति जताई है. सहनी ने कहा कि मैं न्यायपालिका के फैसले पर अंगुली नहीं उठा रहा. मैंने शुरू से न्यायपालिका का सम्मान किया है और आगे भी करता रहूंगा. उन्होंने कहा कि जहां तक बात इस फैसले की है, उससे देश के अधिकांश लोग असहमति जता रहे हैं और उनमें से मैं भी एक हूं.
ललन सिंह का बयान
ललल सिंह ने राहुल गांधी की सदस्यता जाने को लेकर बयान देते हुए कहा राहुल गांधी के संबंध में हड़बड़ी में 24 घंटे के अंदर जिस प्रकार से फैसला लिया गया वह यह दर्शाता है कि केंद्र की जो सरकार है वह हताशा और बौखलाहट में है. और बौखलाहट में ही इस तरह की कार्यवाही की जाती है. लोकतंत्र की कोई प्रक्रिया होती है , कोर्ट का फैसला चुनाव आयोग जाता है. चुनाव आयोग के माध्यम से स्पीकर के यहां जाता है तब फैसला होता है. 10 घंटा के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो इससे साफ झलक रहा है कि इसमें केंद्र सरकार की सक्रिय भूमिका है और यह भूमिका केंद्र सरकार ने निभाया है.