दरभंगा (DARBHANGA) : एक ओर हमारा देश 21वीं शताब्दी की बात करता है. विकास और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकी देने की बात की जाती है, तो दूसरी और बिहार में किशोर महिला की अस्मिता की कीमत लगाई जाती है. दरअसल बिहार के दरभंगा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक ऐसी ही अनकही और अनसुनी घटना सामने आई है. जहां पंचायत ने 15 साल की किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म का सौदा कर दिया है. महज कुछ पैसो से मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. यह कहानी जान आप भी सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि आखिर यह वहीं भारत वर्ष है. जहां महिलाओं को देवी के समान पूजा जाता था.
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि दरभंगा जिले के हायाघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में पंचायत के उपमुखिया ने पंचायत में दुष्कर्म का सौदा 4 लाख रुपये में कर एकरनामा बनाकर दर्जनों लोगो का हस्ताक्षर भी करवा लिया था. वहीं इस फैसला को जब पीड़िता मानने से इनकार कर रही थी, तो पीड़ित परिवार के साथ मारपीट की गई. वहीं पीड़ित परिवार जब इसकी शिकायत हायाघाट थाना में आवेदन दिया तो थानाध्यक्ष ने पंचायत के फैसले को जायजा करार देते हुए पीड़ित को वापस भेज दिया. इस बीच पीड़िता एसएसपी जग्गू नाथ रेड्डी के जनता दरबार पर यौन शोषण पर इंसाफ की गुहार लगाने पहुंची. तब जाकर यह मामला प्रकाश में आया. फिलहाल एसएसपी के आदेश पर सर्किल इंस्पेकर को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और थानेदार को निलंबित कर दिया है.
शादी का झांसा देकर करता था यौनशोषण
पीड़िता ने गांव के ही एक युवक पर शादी का झांसा देकर दो वर्षों तक शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने बताया कि जब युवती शादी का दबाव बना रही थी, तो युवक शादी से इनकार कर रहा था. जिसके बाद युवती ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी. जब परिजनों ने गांव के उपमुखिया से इसकी शिकायत की तो उपमुखिया के नेतृत्व में पंचायत बैठी. जिसमें गांव के मुखिया ने पीडि़त के अस्मत की कीमत 4 लाख रुपये लगा कर मामले को रफा-दफा करने का फैसला सुना दिया है. जब पीड़िता पंचायत के फैसले के विरोध किया तो उसके परिजनों के साथ मारपीट की गई. उसके परिजन शिकायत लेकर थाने पहुंचे. तो पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. फिलहाल पीड़िता ने थानाध्यक्ष पर पंचायत के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है. फिलहाल मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी जग्गू नाथ रेड्डी ने सर्किल इंस्पेक्टर को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए हायाघाट थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. अब देखना यह है कि कब तक पुलिस मामले की जांच करती है.