छपरा(CHAPRA): छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत का अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC ) जांच करेगी. इसको लेकर आज NRCH की 10 सदस्य टीम पटना पहुंची है. पटना एयरपोर्ट से NHRC की टीम छपरा के लिए रवाना हो गई है. जहरीली शराब हुई मौत के बाद नीतीश सरकार को हाल ही में NHRC ने नोटिस जारी किया था. NHRC की टीम बिहार के अन्य जिलों में जाकर जांच करेगी. इसके तहत आयोग यह जानेगी कि जो पीड़ित हैं उनका इलाज कहाँ हो रहा है. उन्हें किस तरह की स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है. इसके बाद एनएचआरसी टीम आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
सरकारी आंकड़े में केवल 38 लोगों की मौत
रेपोर्ट्स के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, वहीं 14 दिसंबर, 2022 को छपरा में 73 लोगों की मौत की सूचना मिली थी. लेकिन सरकारी आंकड़ों में केवल 38 लोगों की मौत बताई गई है. अब इस मामले में NHRC ने चार हफ्ते में मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है.
जिम्मेवार कौन?
आपको बता दें कि छपरा में अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. अभी तक मौत का सिलसिला नहीं थमा है. अभी भी दर्जनों लोगों का का इलाज चल रहा है. बिहार में 5 अप्रैल 2016 को पूर्ण रूप से शराबबंदी कानून लागू किया था. शराबबंदी के बावजूद लोग चोरी छिपे शराब पी ही रहे हैं. चूंकि बिहार में अक्सर मामला सामने आता था की शराब पीने से लोगों की मौत हो गई. इसलिए शराबबंदी कानून लाया गया. लेकिन इसके बावजूद बिहार में धड़ल्ले से चोरी छिपे शराब की बिक्री हो रही है. आए दिन पुलिस शराब की बड़ी बड़ी खेप पकड़ती है. वहीं अगर जहरीली शराब से मौत की बात करें तो ये पहला मामला नहीं जब इससे लोगों की मौत हुई है. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. अब सवाल ये उठता है कि इसके लिए जिम्मेवार कौन है. पुलिस प्रशासन, सरकार या फिर आम लोग. या वे शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं. कहने को तो सुशासन बाबू के बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. फिर लोगों की शराब से मौत कैसे हो रही. अब इसी मामले की जांच करने NHRC की टीम पटना पहुंची है.