टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बिहार में अभ्यर्थियों का गुस्सा सातवे आसमान पर है. नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे है. अब मामला इतना बढ़ गया है कि छात्र अब सड़क पर उतार आए है. आज शिक्षक अभ्यर्थी का महाआंदोलन का आगाज करने जा रहे हैं. आज अभ्यर्थी नई शिक्षक नियमावली के संशोधन का विरोध करेंगे. इसके बाद 11 जुलाई को विधानसभा और 12 जुलाई को सभी MLA के आवास का घेराव होगा. आपको बता दें कि हाल ही में बिहार कैबिनेट की बैठक में डेढ़ लाख से अधिक पदों पर होने वाली शिक्षक बहाली से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए गए थे. सरकार के तरफ से डोमिसाइल नीति को हटाने का फैसला लिया गया, जिसके बाद से राज्यभर के शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं.
शिक्षक संघ की मांग
शिक्षक संघों की मांग है कि सरकार बीपीएससी से परीक्षा लिए बिना नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे. साथ ही साथ शिक्षक समान कार्य के बदले समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार का इसमे कहना है किबीपीएससी से निकाली गई वेकेंसी के जरिए नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी बन सकते हैं. एक लाख 70 हजार 461 पदों पर नई वैकेंसी है. बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या चार लाख के लगभग है. इसलिए यह संभव ही नहीं कि सभी नियोजित शिक्षक पास कर भी गए मगर राज्य कर्मी नहीं बन सकते.
नई शिक्षक नियमावली के विरोध में आंदोलन
नई शिक्षक नियमावली में संशोधन के अनुसार अब शिक्षक नियुक्ति में बिहार के स्थानीय निवासी होने की अर्हता को समाप्त कर दी गई है. अब देश के सामान्य वर्ग का कोई भी अभयर्थी यहां शिक्षक नियुक्ति की होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकता है. इसी को लेकर ये विरोध हो रहा है. बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के आवाहन पर इस आंदोलन में सीटेट, बीटेट, एसटीइटी पास अभ्यर्थी भी भाग लेंगे. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार उनका रोजगार छीनकर दूसरे प्रदेश के लोगों को रोजगार का अवसर दे रही है, जो सही नहीं है.