टीएनपी डेस्क(TNP DESK): इन दिनों बिहार की सियासी गतिविधियों को देखे तो ऐसा लगता है, मानो बिहार राज्य की राजनीति बिहार में रहकर नहीं बल्कि दिल्ली में रहकर की जाती है. बिहार के सीएम से लेकर डिप्टी सीएम सभी किसी ना किसी बहाने दिल्ली के फेरे लगा रहे हैं.
सुशासन बाबू ने लिया हैं विपक्षी एकता को मजबूती देने का जिम्मा
बीजेपी से अलग होने के बाद सीएम नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में किसी भी कीमत पर हारना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि विपक्षी एकता को मजबूती देने का जिम्मा सुशासन बाबू ने ले लिया हैं. जिसको लेकर दिल्ली में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. तो वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ राहुल गांधी से करीब डेढ़ घंटे की लंबी बातचीत हुई. आरजेडी,जेडीयू और कांग्रेस की एकता तो सबके सामने जग जाहिर है. लेकिन इस गठबंधन को ‘आप’ पार्टी यानी आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का भी साथ मिल गया है. आरजेडी,जेडीयू और कांग्रेस की मीटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में समर्थन करने का ऐलान किया हैं.
क्या नीतीश कुमार को चिराग पासवान का भी मिलेगा समर्थन
तो वहीं बिहार के पूर्व सीएम और ‘हम’ पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने लोजपा के युवा नेता चिराग पासवान को विपक्षी एकता को समर्थन देने की सलाह दी हैं. और कहा हैं कि बिहार में सभी दलितों को मिलकर काम करना चाहिए. इससे बिहार का विकास काफी तेजी से होगा. इसके साथ ही लोजपा और बीजेपी के समर्थन पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी चिराग पासवान को वो सम्मान नहीं दे रही है. जिसके चिराग हकदार हैं. जिस तरीके से राबडी आवास में हुए इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव के निमंत्रण देने पर चिराग पासवान प्यार से आकर तेजस्वी के पैर छुए, उससे लगता है कि उनके भी इरादे बीजेपी के प्रति बदल रहे है. जो बिल्कुल सही भी हैं.
विपक्षी एकता 2024 लोकसभा में कितना करेगी कमाल
जिस तरीके से सभी विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ आगामी लोकलभा चुनाव को लेकर जीत की तैयारी में लगे है. उसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी से इन सभी को कितना खौफ है. सभी इसको लेकर कितने बेचैन नजर आ रहे है. इनकी बौखलाहट इन दिनों साफ देखी जा सकती है. यही वजह है कि कभी कांग्रेस और गाली को एक दर्जा देनेवाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ से भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है. इन सबके साथ से बीजेपी को कितना नुकसान होगा और विपक्षी दल को कितना फायदा देखनेवाली बात होगी.