पटना(PATNA): बिहार में ताड़ी पर बैन लगाने को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है. ताड़ी पर बैन हटाने के लिए मंगलवार को राजधानी पटना में पासी समाज के लोगों ने राजभवन मार्च निकाला था. राजभवन मार्च के दौरान गांधी मैदान के पास पासी समाज पर पुलिस ने जमकर लाठी बरसाई थी. इस मामले पर अब राजनीतिक सियासत भी तेज हो गई है. इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि ताड़ी नैचुरल जूस है इसे शराब की कैटेगरी में रखना ही नहीं चाहिए. इससे लाखों लाख पासी समाज के लोग अपना व्यवसाय करते हैं, और इससे कोई कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा नहीं होता है. ताड़ी पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है. यह हमारा व्यक्तिगत निर्णय है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस चीज को ठान लेते हैं उसको करने में ही विश्वास रखते हैं. लेकिन मेरा मानना है कि ताड़ी को शराब की कैटेगरी में सरकार न रखें.
जीतनराम मांझी के बयान पर मंत्री श्रवण कुमार का पलटवार
जीतनराम मांझी के बयान पर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हर लोगों का अलग अलग दृष्टिकोण है. जिस समय बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू करने की बात चल रही थी उस समय बिहार के सत्ता पक्ष के लोगों से और विपक्ष के लोगों की राय ली गई थी. सभी ने सुझाव दिया गया उसके बाद पूर्णता शराबबंदी पर प्रतिबंध लगाया गया था. जो लोग जिस रोजगार से अपनी जीविका चल रहे हैं उसके बारे में उन्होंने नीतियाँ निर्धारिय की. जो शराब बेचकर, ताड़ी बेचकर अपनी जीविका चल रहे थे उसके लिए मुख्यमंत्री ने एक योजना बनाई. वह योजना ग्रामीण विकास के माध्यम से संचालित की जा रही है. उस योजना का नाम है सतत जीवकोपार्जन योजना. इसके तहत एक लाख 47 हजार लोगों को सहायता दे रहे हैं. जो शराब बेचकर अपनी जीविका चल रहे थे उन्हें वैकल्पिक रोजगार मुहैया कराया गया है.