पटना (PATNA) : 2024 चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. कई पुराने रिश्ते टूटे तो कई नए रिश्ते जुड़े भी. इसी बीच विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ा राजनीतिक उलटफेर की बात कही गई है. ये चेतावनी किसी और ने नहीं बल्कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दी है. प्रशांत किशोर ने बिहार में बने महागठबंधन को अवसरवादी कहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने इस सरकार को वोट नहीं दिया था. यह सरकार जुगाड़ टेक्नोलॉजी पर चल रही है जिसे जनता का विश्वास प्राप्त नहीं है.इसी के साथ उन्होंने महागठबंधन की नई सरकार पर जमकर निशाना साधा है. ऐसा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी यह नई सरकार एक-दो सालों में पांच से दस लाख नौकरियां दे देती है तो मैं इनके समर्थन में अपना जन सुराज अभियान वापस ले लूंगा, क्योंकि बिहार के लोगों के हित में ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे ही होगी.
समय पर तनख्वाह भी नहीं दे पा रही है सरकार
प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में जो नियोजित शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उन्हें तो समय पर आज सरकार तनख्वाह भी नहीं दे पा रही है. तो ये सरकार और नई नौकरियां कहां से दे पाएगी. जन सुराज अभियान को बिहार में केवल कुछ महीने ही हुए हैं और प्रदेश की राजनीति 180 डिग्री घूम गई है। उन्होंने दावा किया कि अगला विधानसभा चुनाव आते-आते कई बार बिहार की राजनीति घूमेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फेविकॉल की तरह अपनी कुर्सी पर बैठ गए हैं और बाकी पार्टियां कभी इधर तो कभी उधर हो रही है.