पटना(PATNA): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दल को एक जुट करने में लगे है. सभी विपक्षी दल के नेताओं के साथ मुलाकात कर आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बना रहे है. इस दौरान एक माह में दो बार राहुल गांधी और खरगे से मुलाकात हो चुकी है.इस मुलाकात के बाद बिहार में राजनीति तपिश बढ़ी हुई है.इस मुलाकात पर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उनकी विपक्षी एकता की मुहिम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि किसी नेता के साथ चाय नास्ता और प्रेस कांफ्रेंस से एक जुटता नहीं होती है. पहले नीतीश कुमार बिहार में सीट बटवारे का फार्मूला तय कर ले उसके बाद देश में एक जुटता की बात करें तो बेहतर होगा.
बिहार में सीट का फार्मूला तय कर ले नीतीश
प्रशांत किशोर ने कहा कि नेताओं और दलों के साथ में बैठकर चाय पीने से और प्रेस वार्ता करने से विपक्षी एकता अगर होनी होती, तो आज से 10 साल पहले यह काम हो गया होता. नेताओं के आपस में मिलने से विपक्षी एकता नहीं हो सकती. नीतीश कुमार जो कर रहे हैं इसका कोई मतलब नहीं बनता है. नीतीश कुमार विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं वो बिहार में पहले सीटों का ही फार्मूला जारी कर दे, बिहार में जदयू, कांग्रेस, आरजेडी और उनके अन्य सहयोगी दल हैं वह कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
नीतीश कुमार अपनी सीट CPI(ML) को देंगे
प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या नीतीश कुमार अपनी सीट छोड़कर CPI(ML) को देंगे? CPI(ML) की जीत का औसत नीतीश कुमार से ज्यादा रहा है. नीतीश कुमार की पार्टी 110 सीटों पर लड़ कर 42 सीट पर जीती हैं, CPI(ML) 17 सीटों से लड़कर 12 एमएलए जीती हैं. इस हिसाब से उनको ज्यादा सीट मिलनी चाहिए, तो नीतीश कुमार अपनी सीट छोड़ देंगे? जिसके अपने घर का ठिकाना है नहीं! वह आदमी पूरे दुनिया में घूमेगा तो वो न घर का होगा ना बाहर का बचेगा.