मुंगेर(MUNGER): हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. कुछ लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और पूरे भक्ति भाव से माँ की आराधना करते हैं. चैत्र नवरात्रि की लेकर कई जिले के मंदिरों में सुबह से पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है.
वहीं देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर का चंडिका स्थान यूं तो हर दिन यहाँ भक्तों का आने का सिलसिला जारी रहता है. लेकिन नवरात्रि पर यहां भक्तों का तांता लगा हुआ रहता है. मान्यताओं के अनुसार यहां पर मां सती का बायां नेत्र गिरा था. इसके बाद मंदिर की स्थापना हुई थी. इस कारण यहां नेत्र की पूजा की जाती है. ऐसी आस्था है कि यहां के अखंड दीप से निकलने वाले काजल को अगर कोई भक्त अपनी आंखों में लगाता है तो उसके आंखों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है. इस सिद्ध शक्तिपीठ की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है.नवरात्र अष्टमी के दिन यहां खास पूजा होती है, इस दिन माता का भव्य श्रृंगार किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे हृदय से मां से कुछ भी मांगते हैं तो मां उसे अवश्य पूर्ण करती है.
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