पटना(PATNA) : तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हो रहे अत्याचार को लेकर लोक जनशक्ति पाटी प्रमुख चिराग पासवान जमकर बरसते नजर आए. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि तमिलनाडु से जिस तरह की तस्वीरें वीडियोज़ सामने आई है, अगर ऐसी परिस्थिति तमिलनाडु में है तो यह बहुत ही चिंता का विषय है. यह पूरा मामला एक जांच का विषय है. तमिलनाडु में जिस तरह से बिहारियों को पीटा जा रहा है, इसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
नीतीश कुमार को ठहराया जिम्मेदार
चिराग पासवान ने तमिलनाडु की घटना को लेकर सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यदि आपके प्रदेश के लोग के बारे में दूसरे प्रदेश से ऐसी खबरें आ रही है तो आप उसकी जानकारी सही तरीके से लें. अगर मैं मुख्यमंत्री तमिलनाडु के कार्यालय से संपर्क कर सकता हूं तो नीतीश कुमार क्यों बात नहीं कर सकते. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि यदि कोई हत्यारा बोलेगा कि मैंने हत्या नहीं की तो क्या बिहार पुलिस उसको मान लेगी. क्या पुलिस जांच नहीं करेगी कि ऐसी कोई घटनाए हुई है कि नहीं. जब उन्हें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनना होगा तो वो उनके मंत्रिमंडल, उपमुख्यमंत्री के यहाँ भागे-भागे चले जाएंगे. लेकिन जब बिहारियों को वहां मारा जा रहा है तो उसमें इनका मुंह नहीं खुलता. इनके अधिकारी तो मुख्यमंत्री से भी दो कदम आगे हैं जो 2 घंटे में वह जानकारी देते हैं कि हमारी बात हुई है और यह सारी भ्रामक बात है.
रोजगार का अभाव
चिराग पासवान ने नीतीश के योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश जी! आपकी गलत नीतियों, शिक्षा और रोजगार के अभाव में बिहार के लोग अन्य राज्यों में पलायन करते हैं. आपके मुख्यमंत्री रहते हुए तमिलनाडु में इस तरह से बिहारियों को निशाना बनाया जाएगा तो ये देश की एकता और अखंडता पर सवाल खड़े करता है. आपसे मांग है कि मामले की जांच कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं.
क्या हैं पूरा मामला
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है. जिसमे ऐसी बातें सामने आई है कि बिहारी मजदूरों के हिन्दी बोलने पर उनके साथ मारपीट की जा रही है. वहां से लौट रहे मजदूरों द्वारा 15 से ज्यादा हत्याओं का दावा किया जा रहा है. कई मजदूरों के साथ बेदर्दी के साथ मारपीट का वीडियो और फोटो भी सामने आया है. मजदूरों के अनुसार कुछ महीने पहले तमिलनाडु के स्थानीय मजदूरों और बिहार के मजदूरों के बीच एक बैठक हुई थी. इसमें उन्हें चेतावनी दी गई थी कि मजदूरी 800 रुपये प्रतिदिन नहीं, 1200 से 1500 रुपये प्रतिदिन लेना है. जो ऐसा नहीं करेगा, उसे बुरा नतीजा भुगतना होगा. बिहार के मजदूरों ने इससे सहमति नहीं जताई. यही वजह है कि पिछले एक महीने से उन पर लगातार हमला हो रहे हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर अधिकारियों को तुरंत कारवाई करने का आदेश भी दिया था.