पटना(PATNA): बिहार में भूमि सर्वेक्षण यानी जमीन सर्वे की प्रक्रिया आज से शुरू हो जाएगी. इसके तहत राज्य के विभिन्न गांवों-कस्बों में हर घर, दुकान, प्लॉट और खेत समेत अन्य भूमि के बारे में सरकार द्वारा जानकारी इकट्ठा की जाएगी. जमीन सर्वे के लिए कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी. इसमें जमीन से जुड़े कागजात के अलावा, पहचान पत्र और शपथ पत्र भी शामिल हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से जमीन सर्वे की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है. सरकार द्वारा ऑफलाइन आवेदन के लिए गांवों में शिविर लगाए जाएंगे. सरकार की तरफ से जमीन के सर्वे को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन हर किसी को करना होगा.
सर्वे के दौरान इन दस्तावेजों की जरूरत
सर्वे के दौरान कई तरह के कागजातों की जरुरत होगी. जिसमें जमीन की रसीद, रजिस्ट्री की कॉपी, जमीन का नक्शा, जमीन के लिए शपथ पत्र देना होगा. रैयत की मृत्यु प्रमाण पत्र, जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी की रसीद खतियान की नकल तैयार रखना होगा. इसके अलावे दावाकृत जमीन से संबंधित दस्तावेजों की विवरणी, अगर सक्षम अदालत का आदेश हो तो आदेश की ओरिजनल कॉपी, आवेदनकर्या या मृतक के वारिस के संबंध में प्रमाण पत्र, आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी और वोटर आईडी कार्ड की कॉपी देनी होगी.
पढ़े क्यों कराया जा रहा है जमीन सर्वे
आपको बता दें कि बिहार में बड़ी संख्या में जमीन से जुड़े मामले सामने आ रहे थे. जमीनी विवाद को लेकर आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने जमीनों का सर्वे कराने का फैसला लिया है. सर्वे किसी की जमीन को छीनने के लिए नहीं बल्कि इसलिए कराया जा रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य है कि जमीन उसके सही मालिक के पास चली जाए. सर्वे के बाद जमीनी विवाद से जुड़े मामलों में कमी आ जाएगी.