बेगूसराय (BEGUSARAI): बिहार के अरवल में सोमवार को माले नेता सुनील चंद्रवंशी की हत्या कर दी गई थी. वहीं इस हत्या की जिम्मेवारी माओवादियों ने ली है. नक्सलियों ने इसको लेकर अरवल के देवी मंदिर परिसर में पर्चा चिपका कर इसकी जानकारी दी है. पर्चे में लिखा गया था कि सुनील चंद्रवंशी की हत्या, अपराधी या गुंडे ने नहीं. उसकी हत्या संगठन के लोगों ने की है. माले नेता की हत्या के बाद बुधवार को भाकपा-माले के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और बाजार को बंद कराया. इसी कड़ी में बेगूसराय में भी माले नेता की हत्या के विरोध में माले कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद मार्च निकाल कर डीएम ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया.
जल्लाद राज आ गया है बिहार में- माले कार्यकर्ता
बता दें कि माले के दर्जनों कार्यकर्ता पार्टी ऑफिस से जुलूस निकालकर डीएम ऑफिस पहुंचे. जहां सभी ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान माले नेताओं ने कहा कि बिहार में जल्लाद राज आ गया है. पूरे बिहार में अपराधी बेखौफ होकर हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं. नक्सली खुले तौर पर नेता की हत्या कर दे रहे है. लेकिन नीतीश और भाजपा की सरकार इस पर रोक लगाने में पूरी तरह से विफल है.
पुलिस की संरक्षण में माले नेताओं को बनाया जा रहा निशाना- कार्यकर्ता
प्रदर्शन कर रहे माले कार्यकर्ताओं ने कहा कि अरवल में माले नेता की हत्या की गई. माले विधायक को झुठा मुकदमा में फंसा कर जेल भेजा गया और पूरे बिहार में अपराधी घटनाएं पुलिस संरक्षण में हो रही है. भाजपा के नेता और कार्यकर्ता लालूयादव के शासन काल को जंगल राज कहते है. लेकिन भाजपा जल्लाद राज की ओर बढ़ रही है. पुलिस कि संरक्षण में सरकार के द्वारा प्रायोजित तरीके से माले नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. आज माले कार्यकर्ता बढ़ते अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतरी है. लेकिन आने वाली चुनाव में माले के कार्यकर्ता भाजपा और जदयू की सरकार को बाहर का रास्ता दिखाएंगी. वहीं अरवल में माले नेता की हत्या के बाद परिजनों को 20 लाख रुपए का मुआवजा राशि औऱ सरकारी नौकरी देने की मांग माले के द्वारा किया गया है.