TNP DESK: बिहार में अगले साल फिर एक चुनाव होगा. यह चुनाव भी काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. बिहार विधानसभा चुनाव में तो एनडीए की बंपर जीत हुई है. महागठबंधन का सुपड़ा साफ हो गया है. इसके अलावे प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को एक भी सीट नहीं मिली है. इस चुनाव परिणाम से एनडीए के लोग गदगद हैं, लेकिन अब अगले चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की एक बार फिर अग्नि परीक्षा होगी. 2025 के विधानसभा चुनाव में ऐसा हुआ कि राजद का सीट काफी घट गया. राजद 25 सीट पर सिमट गया, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 6 सीट आई. वाम दल भी कुछ ज्यादा नहीं कर पाए.
ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में एक बार फिर राजनीतिक दल कमर कसकर आमने-सामने होंगे. जिसकी सुगबुगाहट बढ़ने लगी है. 2026 में बिहार की पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने वाले है. बिहार पंचायती चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग किया जाएगा. इसकी तैयारी राज्य चुनाव आयोग ने शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव में मल्टी पोस्ट ईवीएम लगेगी, इसमें कंट्रोल यूनिट तो एक ही होगी, लेकिन बैलट यूनिट 6 होगी. मतदाता वार्ड सदस्य लेकर मुखिया, सरपंच से अलग-अलग पदों के लिए एक साथ अलग-अलग वोट डाल सकेंगे.
बताया जाता है कि बिहार में पंचायत चुनाव आरक्षण रोस्टर के मुताबिक होगा. इसको लेकर नए सिरे से पंचायत का परिसीमन और आरक्षण रोस्टर निर्धारित किए जाएंगे. ऐसे में वर्तमान में जिला परिषद, मुखिया ,पंचायत समिति, सरपंच, पंच एवं वार्ड सदस्य के लिए आरक्षित सीटों में भी बदलाव संभव है. पंचायत चुनाव में दो बार के बाद आरक्षित श्रेणी की सीटों में बदलाव का नियम है. इस नियम के अनुसार 2026 के पंचायत चुनाव में बदलाव होगा. आरक्षित सीटों में बदलाव होने पर कई पंचायत प्रतिनिधियों को सीट बदलना पड़ सकता है. वर्तमान पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल अक्टूबर -नवंबर 2026 में पूरा होने वाला है. आरक्षण श्रेणी का निर्धारण का काम मार्च के बाद शुरू होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
