पटना (PATNA): पुलिस को लोगों की जान बचाते हुए तो आपने सुना ही होगा, लेकिन बिहार के नालंदा जिले से हैरान जनक मामला सामने आया है. जहां पुलिस की गोली से एक युवक की मौत हो गई. दरअसल वह युवक बिना हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के कहीं जा रहा था. तभी पुलिस की चेंकिग देख वह भागने लगा जिसके बाद पुलिस ने उसका पीछा करते हुए उसे गोली मारी दी. जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया, घायल होने के बाद करीब 45 दिनों तक युवक का इलाज चला लेकिन जिंदगी से लड़ाई लड़ते हुए आज सुबह उसकी मौत हो गई.
बता दें कि मृत युवक का नाम सुधीर बताया जा रहा है. गोली लगने के बाद सुधीर के परिवार वालों ने पहले उसका इलाज नालंदा में कराया, वहां सुधीर की स्थिती में ठिक नहीं होने के बाद 18 अप्रैल को पटना के IGIMS लाया गया था. इसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ. तो परिजनों ने 30 अप्रैल को पटना के ही एक प्राइवेट अस्पताला लाया. जहां उसका इलाज चल रहा था, लेकिन आज सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गई. मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.
क्या है पूरा मामला
परिजनों ने बताया कि 8 मार्च की सुबह 9 बजे मृत सुधीर नालंदा के कोरथी गांव से जहानाबाद जा रहा था. इसी बीच अनंतपुर गांव में पुलिस की चेकिंग चल रही थी. चेकिंग चलता देख डर से सुधीर अपने गांव की तरफ भागने लगा क्योंकि उसके पास हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. सुधीर को भागता देख चेकिंग कर रही टीम ने उसका पीछा किया. पीछा करने के दौरान एएसआई मुमताज अहमद ने अपनी पिस्टल निकाली और सुधीर के सीने में गोली मार दी. गोली लगने के बाद भी सुधीर करीब 1 किलोमिटर तक भाग. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी परिजनों को देकर उसे नालंदा के अस्पताल में भर्ती कराया.
एएसआई को किया गया गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलते ही जहानाबाद SP दीपक रंजन ने तत्काल SDPO अशोक पांडे और घोषी थाना प्रभारी नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया. जिसके बाद मामला सही पाए जाने के बाद 29 मार्च को आरोपी एएसआई मुमताज अहमद के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं चेकिंग करने वाली टीम थाना प्रभारी चंद्रहास कुमार, ASI भीम कुमार, सिपाही विनय कुमार और सिपाही कुमार महेश को सस्पेंड कर दिया गया है.
इस मामले के सामने आने के बाद अब सवाल यह उठता है कि, पुलिस एक कुख्यात अपराधी को भी गोली मारने के बाद अस्पताल पहुंचाती है. तो वहीं इस मामले में पुलिस ने ये जानने की कोशिश तक नहीं की कि गोली लगने के बाद सुधीर जिंदा भी था या मर गया. वह कहां गया?