जहानाबाद(JAHANABAD): अब तक अपने विरोध प्रदर्शन का मतलब नारेबाजी तोड़फोड़, चिल्लाना, हल्ला-गुल्ला यही सुना होगा. इसके साथ ही लोग अलग-अलग तरीके से अपनी बातों को मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शन करते हैं, और सड़कों पर उतरते हैं. लेकिन जहानाबाद में शुक्रवार को एक ऐसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला जो अगल स्टाईल में था. आशा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आवाहन पर आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को सरकार के आगे रखा. तो आईए जानते हैं कि इनके प्रदर्शन का क्या तरीका था.
आशा कार्यकर्ता का अनोखा प्रदर्शन
दरअसल शुक्रवार की सुबह भारी संख्या आशा कार्यकर्ता अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर सड़क पर उतरे. और सबसे पहले सदर अस्पताल पहुंचकर दवा स्टोर के लिए बने भवन में तालाबंदी कर दी. और अपनी बातों को गीत के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की. बिहार राज्य आशा और आशा फैसिलिटेटर संघ के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन लगातार जारी है.
गीत गाकर की 9 सूत्री मांग
विरोध कर रही संघ की महिलाओं ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को पारितोषिक नहीं राज्य कर्मी का दर्जा देने, आशा फैसिलिटी को नियमित मासिक मानदेय दस हजार रुपए करने, आशाओं के भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार- कमीशनखोरी पर सख्ती से रोक लगाने, कोरोना काल की ड्यूटी के लिए सभी आशाओं फैसिलिटी को कोरोना भत्ता भुगतान करने की मांग की. केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दी.