पटना(PATNA): बिहार की राजनीति में पोस्टर वॉर के बाद इनदिनों ट्विटर वार शुरू हो गया है. ये वार पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर है. इस वार में राजद और जदयू के नेता एक दूसरे से टकराते नज़र आ रहे हैं . दरअसल ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 27 अक्टूबर को आनंद मोहन के पैतृक आवास सहरसा के पंचगछिया जाने वाले है. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और उनके छोटे बेटे अंशुमन जदयू का दामन थाम सकते हैं. इस चर्चा के बीच राजद एमएलसी , बिस्कोमान के अध्यक्ष और लालू परिवार के ख़ास सुनील सिंह ने सोशल मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश और आनंद मोहन पर तंज करते हुए एक पोस्ट डाला है जिसमें उन्होंने लिखा है....
सुनील सिंह ने ट्वीट कर लिखा
महागठबंधन के उत्कृष्ट अव्वल एवम वर्ष 2023 में संसद रत्न से पुरस्कृत राज्यसभा के माननीय सांसद का गोइठा के राख से जीभ खींचने वाले भाई साहब के पैतृक गांव में उनके मनोबल बढ़ाने और महिमामंडित करने के उद्देश्य से जो अपने साहब जी हैं न, वो जाने वाले हैं! ये रिश्ता क्या कहलाता है? बूझो तो जानें! कभी नीम- नीम कभी शहद- शहद, कभी नरम- नरम कभी शख्त- शख्त.
सुनील सिंह के पोस्ट के बाद जदयू के प्रवक्ता निखिल आनंद ने पोस्ट का जवाब देते हुए अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पोस्ट लिखा है . इस पोस्ट में निखिल आनंद ने पटना के बिस्कोमान टावर का एक फ़ोटो लगाया है और लिखा है. जितना बड़ा ये टावर है , उससे भी बड़ा यहाँ एक अगलगौना रहता है. बूझो तो जाने..??
चेतन आनंद ने सुनील सिंह के ट्वीट का दिया जवाब
सुनील सिंह के पोस्ट का जवाब देने से राजद विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी नहीं चूके . उन्होंने कविता के माध्यम से कही न कही सुनील सिंह पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज किया है . चेतन आनंद ने लिखा है...
तारों की चकाचौंध से,
चमचे भौचक्के हो जाते है।
क्योकि...
जिन्हे सूर्य के ताप की आदत न हो,
उन्हें चाँदनी से भी डर लगता है!
अक्सर...
गुलामी वही करता है,
जो अपनो के लिए नही लड़ता है।
क्योकि...
जो असली प्रताप के वंशज हैं,
उन्हें सच के लिए जल जाना भी आता है !!
आपको बता दे कि आनंद मोहन की राजद से लड़ाई की शुरुआत तब हुई थी जब पिछले दिनों संसद के विशेष सत्र के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा लिखित कविता ठाकुर का कुआं पढ़ा था . इसके बाद राजद विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने इसको लेकर भारी बवाल मचाया था . आनंद मोहन और चेतन आनंद ने इसको ठाकुरों का अपमान बता कर मनोज झा को घेरा था . वहीं मनोज झा के समर्थन में राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव खुद खड़े हो गए थे . इस घटना के बाद पिछले दिनों आनंद मोहन मुख्यमंत्री नीतीश से मिलने उनके आवास पर गए थे . आनंद मोहन से नीतीश कुमार की नजदीकियां ने बिहार में एक नई राजनीति को जन्म दे दिया है.